मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

कारगिल युद्ध भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक -उपाध्याय
27-Jul-2025 9:02 PM
कारगिल युद्ध भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक -उपाध्याय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेद्रगढ़, 27 जुलाई। कारगिल विजय दिवस राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को बढ़ाने एवं भारतीय सशस्त्र बलों की राजनीतिक दृढ़ता, सैन्य कौशल एवं   अद्भुत साहस का   विशेष दिवस है। उक्ताशय के विचार पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय विजय कारगिल दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त कर रहे थे।

 आयुर्वेदिक चिकित्सा डॉ. संदीप चंदेल ने  कहा कि - राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हमें हर परिस्थिति में तैयार रहना चाहिए। उन्होंने एमसीबी  योग सेवा समिति के  विजय कारगिल दिवस के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि -सैनिकों के बलिदान और समर्पण  पर केंद्रित यह कार्यक्रम   देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव  जागृत करने  की दिशा में एक विशेष प्रयास है ,जिसकी मैं प्रशंसा करता हूं।

 भारत और पाकिस्तान के सेना के बीच वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध की भारतीय इतिहास में दर्ज विशेष प्रसंगों की चर्चा करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहायक नेत्राधिकारी आर डी दीवान ने कहा कि -भारत के इतिहास में कुछ ऐसे युद्ध लड़े गए जो सैनिक पराक्रम के प्रतीक बन गए, उसमें से कारगिल युद्ध प्रमुख है।

ऑपरेशन कारगिल युद्ध में शहीद लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे ,कैप्टन विक्रम बत्रा ,ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव के बलिदान की चर्चा करते हुए विष्णु प्रसाद   ने कहा कि-कारगिल विजय दिवस पाकिस्तान पर भारत के सैन्य शक्ति की जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।

 

 यह युद्ध 18 हजार फीट  से अधिक ऊंचाई के बर्फीली हवाओं एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच लड़ा गया था। कारगिल युद्ध के बलिदानी सैनिक भारतीय इतिहास में सदा अमर रहेंगे।

 महिला योग समिति के जिला अध्यक्ष बलवीर कौर ने कारगिल युद्ध के उन सैनिकों के शौर्य, की चर्चा की जिन्होंने राष्ट्र की एकता एवं अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

हर्ष लता खियानी ने राष्ट्रीय भावना से  प्रेरित भावात्मक गीत प्रस्तुत किया।  शा बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की वरिष्ठ व्याख्याता नीलम दुबे ने कारगिल युद्ध की भयावहता को बताते हुए जानकारी दी कि इस कारगिल युद्ध में 527 सैनिकों ने बलिदान दिया और 1363 सैनिक घायल हुए थे। आज का दिवस वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है।

 कारगिल  विजय दिवस पर आयोजित इस विशेष संगोष्ठी में, विजय मंगलम बालिका आवासीय परिसर  की संचालिका   रूपा पोद्दार, पतंजलि योग समिति के नियमित योग साधक  रामसेवक विश्वकर्मा, राकेश अग्रवाल, कविता मंगतानी आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन  संयोजक सतीश उपाध्याय ने किया। वंदे मातरम एवं कारगिल दिवस अमर रहे -उद्घोष के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।


अन्य पोस्ट