मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 जनवरी। रमणीय पर्यटन स्थल अमृतधारा में जिले के अधिकारियों सहित ग्रामीणों आगंतुकों ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया।
नये वर्ष के आगमन से अमृतधारा का लुत्फ उठाने हेतु हजारों की संख्या में पर्यटक अमृतधारा पहुंचते हैं। पिकनिक मनाते हुए जागरूकता के अभाव में जगह-जगह प्लास्टिक की थैलियों एवं बचे हुए अपशिष्ट को स्थल पर ही छोड़ देते हैं। स्थल पर सामुदायिक स्वच्छता हेतु जहां श्रमदान स्वच्छता की पहल की गई वहीं दूसरी ओर अपना कचरा अपनी जिम्मेदारी हेतु समझाइश भी दी गई। मंदिर समिति के पुजारी के द्वारा अमृतधारा स्थल पर स्वच्छता हेतु माइक के माध्यम से आगंतुकों से गंदगी न करने हेतु अनुरोध किया गया।
श्रमदान कर परियोजना निदेशक नितेश उपाध्याय ने 2025 में सामुदायिक स्वच्छता हेतु घरेलू गंदे पानी, जल संवर्धन जल संरक्षण हेतु, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध, सोर्स सेग्रीगेशन, हेतु स्वच्छता शपथ दिलाई एवं संकल्प पर हस्ताक्षर किए गए।
स्वच्छता बेरियर बना आजीविका का स्रोत
पर्यटन एवं दर्शनीय स्थल अमृतधारा में पर्यटन की नियमित साफ-सफाई एवं स्वच्छता हेतु स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत स्वच्छता बैरियर की शुरुआत की गई है, जिसमें 10 महिलाओं को जोड़ा गया है। आगंतुकों से स्वच्छता शुल्क के रूप में 10 एवं 20 रुपये प्रति वाहन लिया जाता है, जिससे संलग्न स्वच्छग्राही महिलाओं को अतिरिक्त आय सृजित हो सके और स्थल पर नियमित रूप से साफ-सफाई हो सके।


