मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
वन विभाग से सहयोग की अपील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 12 दिसम्बर। वर्ष 2021 में कुछ मित्रों ने समाज सेवा के लिए एक समिति बनाई श्री राम सेवा समिति जिसमें जनप्रतिनिधि, व्यवसायी, पत्रकार आदि शामिल हैं। इस समिति में कोई भी पदाधिकारी नहीं है सभी समान रूप से सदस्य हैं। पहले यह समिति दुर्गा पूजा, भंडारा आदि आयोजित करती थी, लेकिन कोरोना काल में समिति ने अपने कार्य का विस्तार करते हुए दाह संस्कार हेतु नि:शुल्क लकडिय़ां उपलब्ध कराना शुरू किया जिसमें आज तक 478 लोगों को नि:शुल्क लकडिय़ां उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन अब संस्था को लकडिय़ों के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि लकडिय़ों के लिए समिति के सदस्य स्वयं आपस में ही अंशदान देते हैं। कभी-कभी अन्य लोग भी अपने परिजनों के दाह संस्कार के बाद सहयोग देते हैं। समिति के दयाशंकर यादव ने बताया कि अब इसमें थोड़ी दिक्कत हो रही है, क्योंकि वन विभाग हमें एक बार में केवल 5 चट्टे ही देता है जबकि एक दाह संस्कार में एक चट्टे की आवश्यकता होती है इस संबंध में जब स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से कहा तो उनके कारण डीएफओ ने कुछ समय सहयोग किया, लेकिन बाद में वही स्थिति बन गई कभी चट्टे नहीं लगते हैं, कभी जो चट्टे लगते हैं वे बहुत मोटे ल_े के होते हैं जिन्हें फड़वाने में कीमत से ज्यादा खर्च होता है। कई बार सक्षम लोग भी नि:शुल्क लकडिय़ां लेते हैं, जबकि वे लकडिय़ां खरीद सकते हैं और कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि कुछ लोग दाह संस्कार के नाम पर लकडिय़ां मांग कर ले गए और उनका अन्य घरेलू कार्य में उपयोग किया और कभी गोदाम से लकडिय़ां चोरी भी हो जाती हैं।
समिति के राजकुमार ताम्रकार ने बताया कि समिति सदस्य मनोज अग्रवाल ने अपने दादा बनवारीलाल श्याम लाल चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से 2 नग मच्र्युरी दान में दी हैं वहीं नगर के पोद्दार परिवार ने अपने दादा रामनिवास पोद्दार की स्मृति में समिति को स्वर्ग रथ (शव वाहन) दिया है। दाह-संस्कार के लिए लकडिय़ों की कीमत लगभग 4 हजार रूपए होती है जो नि:शुल्क होती हैं, लेकिन दान स्वैच्छिक होता है जिसकी रसीद दी जाती है। बहरहाल नगर के गणमान्य जनों को भी समय-समय पर इस समिति को दान देना चाहिए ताकि उनका यह पुनीत और सद्कार्य निरंतर चलता रहे वहीं वन विभाग से भी समिति को सहयोग किए जाने की अपेक्षा है।


