मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 27 अगस्त। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 39वां नेत्रदान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक डॉ. अविनाश खरे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आधिकारी के निर्देशन व डॉ. एसएस सिंह बीएमओ के मार्ग दर्शन में मनाया जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में मरीजों और परिजनों को नेत्रदान की जानकारी देकर प्रेरित किया गया, साथ ही अपने आसपास के लोगों को जानकारी देने अपील की गई। सहायक नोडल अधिकारी (अंधत्व) आरडी दीवान ने जानकारी देते हुए बताया कि पखवाड़े के दौरान स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कर नेत्र दान के महत्व एवं क्यों आवश्यक है, इसकी जानकारी दी जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे मे जागरूक हो सकें। इच्छुक व्यक्तियों का घोषणा पत्र भरा जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्राप्त की जा सकती है। आगे उन्होंने बताया कि नेत्र दान मृत्यु उपरांत की जाती है, जिससे कॉर्निया की सफेदी के कारण होने वाले दृष्टिहीनता से पीडि़त व्यक्तियों को दान से प्राप्त आंख के कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जाता है। नेत्र दान में नेत्र के केवल काले वाले भाग (कॉर्निया) का उपयोग किया जाता है। मृत्यु उपरांत परिजनों को नेत्रदान की जानकारी चिकित्सालय में देनी होती है। नेत्र चिकित्सक उनके घर जाकर नेत्र की कॉर्निया निकाल लेते हैं। मृत व्यक्ति के आंख को मृत्यु के 6 घंटे के भीतर निकला जाना चाहिए।। चश्मा लगाने वाला व्यक्ति भी नेत्र दान कर सकता है। नेत्रदान कैंसर, हेपेटाइटिस, एड्स, रेबीज, टिटेनस आदि संक्रमण से पीडि़त व्यक्ति नहीं कर सकते हैं।
इस दौरान डॉ. पूर्णिमा सिंह, मुकेश सिंह, प्रेम कुमार यादव, प्यारे साहू, चंद्रावती राजवाड़े, संजय द्विवेदी, विशेश्वरी सहित काफी संख्या में मरीजों के परिजन व चिकित्सालय में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थी शामिल रहे।


