मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 26 मई। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में चलाई जा रही बेरोजगारी भत्ता योजना के बंद होने की आशंका बनी हुई है। प्रदेश में आखिरी बार नवंबर-2023 में बेरोजगारी भत्ता की आखिरी किस्त जारी की गई थी। प्रति महीने 25 सौ रुपये प्रदान किए जाने वाले बेरोजगारी भत्ते को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बेरोजगारी भत्ते पर अभी तक आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
प्रदेश में 1 अप्रैल 2023 को पूर्ववर्ती सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतिम बार नवंबर-2023 में योजना की किस्त जारी की थी। 12वीं पास बेरोजगारों को इस योजना के तहत उनके खातों में सीधे 25 सौ रुपये की राशि प्रदान की जाती थी। बेरोजगारों को आर्थिक मदद के साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रावधान रखा गया था।
योजना के लिए आवेदकों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष से 35 वर्ष रखी गई थी। योजना के तहत मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1 हजार 163 बेरोजगारों ने बेरोजगारी भत्ता योजना में पंजीयन कराया था, जिन्हें नवंबर 2023 तक बेरोजगारी भत्ता प्राप्त हो रहा था, लेकिन पिछले 6 माह से बेरोजगारों को भत्ता मिलना बंद है। जिला रोजगार कार्यालय एमसीबी के कर्मचारियों का कहना है कि रोजाना एक-दो लोग बेरोजगारी भत्ता के संबंध में जानकारी लेने कार्यालय पहुंचते रहते हैं।
पंजीकृत बेरोजगारों में मायूसी
पिछले 6 माह से बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने से योजना का लाभ उठा रहे पंजीकृत बेरोजगारों में मायूसी छा गई है। मनेंद्रगढ़ निवासी गुरू विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने कंप्यूटर से ग्रेज्युेशन किया है साथ ही हिंदी-अंग्रेजी टायपिंग पास हैं, लेकिन अभी तक कोई रोजगार उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। पूर्व में बेरोजगारी भत्ता मिलने से बुक्स खरीदकर कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और एग्जाम भी दिए, लेकिन अब भत्ता बंद होने से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों को सरकार या तो रोजगार उपलब्ध कराए या फिर स्वरोजगार के लिए सहायता राशि देकर उनकी मदद करनी चाहिए।
भाजयुमो ने पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ खोला था मोर्चा
बेरोजगारी भत्ता व रोजगार के मुद्दे को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भाजयुमो के द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन एवं सरकार पर जमकर हमला बोला जा रहा था। वहीं सरकार बदलते ही बेरोजगारी भत्ता मिलना बंद है। पूर्ववर्ती सरकार में इसे लेकर आवाज उठाने वाली भाजयुमो का अपनी सरकार के खिलाफ मौन होना समझ में आता है, लेकिन प्रदेश में विपक्ष में बैठी कांग्रेस की चुप्पी समझ से परे है, जिसे लेकर बेरोजगार भी सवाल उठा रहे हैं।


