मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़/बैकुंठपुर, 10 दिसंबर। कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है। डॉ. विनय जायसवाल के कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चंदन यादव पर 7 लाख देने के आरोप के बाद एमसीबी के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव के साथ मनेन्द्रगढ़ के कांग्रेस के प्रत्याशी रमेश सिंह सामने आए।
उन्होंने डॉ. विनय जायसवाल के लगाए आरोपों की भत्र्सना करते हुए कहा कि डॉ. विनय जायसवाल को जब यह तय हो गया कि उनकी टिकट कट रही है, असली बात छुपाने के लिए उन्होंने इस तरह का आरोप लगाया है। वास्तविकता यह है कि पिछले कार्यकाल में उन्होनें जिस तरह से गडबड़ी की है पूरे चिरमिरी मे वो बदनाम थे, कोयला, कबाड़, शराब, सट्टे को लेकर इनकी छवि धूमिल हो चुकी थी, वो मान रहे थे कि उनका टिकट कट रहा है, तभी उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से हाथ मिलाया, पर जब उन्हें लगा कि वो चुनाव हार जाएंगे तो उन्होंने इस्माईल खान को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से टिकट दिलवा कर मेरे विरोध खड़ा किया और वो उनकी मेयर पत्नी सहित पूरा खानदान कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में भाजपा का काम किया, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस संगठन से की है। इससे वो तिलमिला गए और हमारे बड़े नेताओं के खिलाफ आरोप लगाने लगे।
7 लाख कैश कैसे मिला
कांग्रेस के नेता व हारे प्रत्याशी रमेष सिंह ने कहा कि डॉ. विनय जायसवाल आरोप लगा रहे है कि उन्होंने प्रदेश प्रभारी चंदन यादव को 7 लाख रू दिया, तो इनके पास इतना कैश कहां से आया, इसकी सरकार को जांच करनी चाहिए, 20 हजार से ज्यादा का ट्रांसजेक्शन कैश नहीं हो सकता, जब इनकी टिकट कट गई तो ये चुप क्यों बैठे रहे, उन्होंने चंदन यादव के खिलाफ तुरंत शिकायत क्यों नहीं की। वो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को बदनाम कर रहे हंै। ये और इनके पूरे पार्षदों ने कांग्रेस के विरूद्ध काम किया। कांग्रेस की छवि ऐसे विधायक के कारण ही खराब हुई, जिसके कारण संभाग की सभी 14 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को इनको तत्काल पार्टी से बाहर करना चाहिए, इनके कारण कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है।
हार का कारण महतारी वंदन का फार्म
कांग्रेस के प्रत्याशी रमेश सिंह का कहना है कि हार का मुख्य कारण भाजपा द्वारा महतारी वंदन का फार्म भरवाया गया, जो लगभग 40 हजार था, जिसके कारण कांग्रेस का खासा नुकसान हुआ, और डॉ. विनय जायसवाल के पूरे परिवार द्वारा चिरमिरी में कांग्रेस के खिलाफ काम किया जिससे कांग्रेस का नुकसान हुआ।


