मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 31 अक्टूबर। पीडि़ता की लज्जा भंग करने के आशय से आपराधिक बल का प्रयोग करने तथा बार-बार पीछा करते हुए उसके साथ गाली-गलौज किए जाने के जुर्म में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने दोषसिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को पॉक्सो और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त पीडि़ता के पड़ोस में रहता था। विगत 2 माह से पीडि़ता के कोचिंग तथा स्कूल आते-जाते समय उसका पीछा करता था। पीडि़ता के घर के पास बेईज्जत करने की नियत से उसका हाथ पकडक़र खींच रहा था। पीडि़ता के द्वारा छुड़ाने पर पीडि़ता के गाल में 3 झापड़ भी मारा।
घटना दिवस 17 अगस्त 2021 की शाम 4 बजे अभियुक्त पीडि़ता का पीछा कर रहा था। मना करने पर उसे अश्लील गालियां दी। मामले में पीडि़ता की लिखित शिकायत के आधार पर झगराखंड पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया जिसमें न्यायालय द्वारा नार्थ झगराखंड वार्ड नं. 3 निवासी अभियुक्त 26 वर्षीय दीपक अगरिया को आईपीसी की धारा 354 के अपराध में 2 वर्ष, 354(घ) के अपराध में 1 वर्ष, 323 के अपराध में 3 माह एवं धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 3 वर्ष के सश्रम कारावास तथा सभी धाराओं में अर्थदंड से भी दंडित किया गया।


