मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 31 अक्टूबर। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से लगे ग्राम पंचायत चौघड़ा में एक सडक़ पिछले करीब साल भर से बन रही है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही की वजह से नौ दिन चले अढ़ाई कोस की गति से निर्माणाधीन सडक़ लोगों के लिए दुखदाई हो चली है। सडक़ की मार सबसे अधिक स्कूली बच्चे झेल रहे हैं, लेकिन न तो स्कूल प्रबंधन को इससे कोई सारोकार है और न ही सरकारी तंत्र को। काश भूमि पूजन के बाद जिम्मेदार सडक़ की गुणवत्ता और गति कोभी देख लेते तो बेहतर होता।
ग्राम पंचायत चौघड़ा में एक निजी स्कूल की ओर जाने वाली सडक़ का काम पिछले करीब साल भर से रो-रोकर चल रहा है। निर्माण के दौरान बरसात के मौसम में सडक़ पर मिट्टी डाल दिए जाने की वजह से स्कूली बच्चे कीचड़ में गिरते-फिसलते किसी प्रकार स्कूल पहुंचते रहे वहीं आम जनों को भी गुजरने में काफी परेशानी हुई। लोगों ने यह सोचा की कुछ दिनों की परेशानी है सडक़ बनने के बाद सहजतापूर्वक आवागमन कर सकेंगे, लेकिन बरसात का मौसम भी बीत चुका है, सडक़ के काम में कोई गति नहीं दिख रही है। गिट्टी बिछाकर लापरवाहीपूर्वक छोड़ दिया गया है। बरसात में कीचड़ और फिसलन से परेशान होने वाले स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक अब धूल और मिट्टी की मार झेल रहे हैं।
सेहत पर असर पडऩे के साथ ही वाहन भी प्रभावित हो रहे हैं। इस मार्ग में अधिकारी-कर्मचारियों के रहने के लिए सरकारी क्वार्टर भी बने हुए हैं। रोजाना अधिकारी भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं, लेकिन फोर व्हीलर वातानुकूलित वाहन में आवागमन करने वाले अफसरों को सडक़ का काम इतनी मंथर गति से क्यों चल रहा है? यह जानने के लिए उनके पास समय नहीं है। ठेकेदार की लापरवाही का आलम यह है कि कभी सडक़ पर गिट्टी गिराकर बिना उस पर रोलर चलाए छोड़ दिया जाता है तो कभी मिट्टी गिराकर उस पर पानी का छिडक़ाव करने की जरूरत नहीं समझी जाती। अच्छी शिक्षा के लिए अच्छी सेहत भी होनी जरूरी है, लेकिन स्कूल प्रबंधन सरकारी काम ऐसे ही चलता है यह सोचकर मौन साधे बैठा है वहीं जिम्मेदार अफसर ठेकेदार को काम देने के बाद अपनी जिम्मेदारी पूरी कर चुके हैं।


