मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

टिकट वितरण और वर्तमान विधायक की नाराजगी से मनेंद्रगढ़ में कांग्रेस मुश्किल में
21-Oct-2023 8:49 PM
टिकट वितरण और वर्तमान विधायक की नाराजगी से मनेंद्रगढ़ में कांग्रेस मुश्किल में

-रंजीत सिंह

मनेन्द्रगढ़, 21 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ प्रदेश की दूसरी विधानसभा का दर्जा प्राप्त मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र आजादी के बाद से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में हुए चुनाव में भी मनेन्द्रगढ़ सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद सीमाएं एवं समीकरण बदले तो लगातार 2 चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की। वर्ष 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस की लहर के बीच इस सीट से कांग्रेस के डॉ. विनय जायसवाल ने सीट फिर से कांग्रेस के खाते में जोड़ी, लेकिन कांग्रेस को फिर से अपना गढ़ बचाने चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर से लेकर अब तक मनेंद्रगढ़ सीट पर 15 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा सीट के कुल 11 चुनाव में 9 बार कांग्रेस ने एक-एक बार बीजेपी और जेएनपी ने जीत दर्द की थी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद 4 चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को 2-2 बार जीत मिली है, लेकिन इस बार इस सीट पर कांग्रेस शुरूआती दौर से ही मुश्किलों से घिरी नजर आ रही है।

ज्ञात हो कि भाजपा ने मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट पर एक बार पूर्व में विधायक रह चुके श्यामबिहारी जायसवाल को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेसी अधिवक्ता रमेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।

इस विधानसभा सीट पर मतदाताओं की नब्ज टटोलने पर कांग्रेस को अपना गढ़ बचाने के लिए काफी मुश्किलात का सामना करना होगा। कांग्रेस के टिकट वितरण से हर कोई हैरान और परेशान तो है ही वहीं वर्तमान विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बनते नजर आ रहे हैं। उनकी टिकट कटने पर वे और उनके समर्थकों में गहरी नाराजगी है। चिरमिरी में आयोजित गरबा कार्यक्रम में वर्तमान विधायक जायसवाल के समर्थकों ने अपने-अपने मोबाइल की फ्लैशलाईट जलाकर विधायक को अपना समर्थन देकर और विनय भैया संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं की नारेबाजी कर यह संकेत दिया है कि डॉ. जायसवाल निर्दलीय या फिर किसी दल से मैदान में उतर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए मुश्किलें और बढ़ जाएंगी जिसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। वैसे भी मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के टिकट वितरण के बाद अधिकांश मतदाता यह कह रहे हैं कि कांग्रेस ने भाजपा को मनेंद्रगढ़ सीट एक तरह से गिफ्ट कर दी है। लोगों का कहना है कि यदि मनेंद्रगढ़ नपाध्यक्ष प्रभा पटेल को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बनाती तो काफी रोचक मुकाबला देखने को मिलता, लेकिन टिकट वितरण से नाराजगी और अब वर्तमान विधायक और उनके समर्थकों का आक्रोश मनेंद्रगढ़ में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।


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