मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 12 अक्टूबर। शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी के हिन्दी विभाग में हिन्दी के प्रख्यात आलोचक डॉ.राम विलास शर्मा की जयंती के अवसर पर 10 अक्टूबर को रामविलास शर्मा का आलोचनात्मक अवदान विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य और हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.राम किंकर पाण्डेय ने कहा कि डॉ. राम विलास शर्मा ने हिन्दी आलोचना को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि उनकी आलोचना का क्षेत्र न केवल विषय की दृष्टि से बल्कि विचार और कार्य की दृष्टि से भी अत्यधिक विस्तीर्ण है।
उन्होंने हिन्दी आलोचना की चर्चा करते हुए संस्कृत और अंग्रेजी साहित्य, भाषा विज्ञान, इतिहास, माक्र्सवाद, उपनिवेशवाद, और समाजशास्त्र जैसे विषयों पर गहराई से विचार किया है।
उन्होंने कहा कि साहित्य के संबंध में भी रामविलास शर्मा की प्रमुख मान्यताएं मौलिक और सामान्य प्रतिवादियों से अलग है। वे साहित्य को भाषा, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, समाज और भौगोलिक परिवेश से बनने वाली जातीयता से जोडक़र देखने वाले आलोचक हैं।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं प्रिंस, कुंदन, विद्यासागर, शिवानी, आरती, रुचि आदि ने भी रामविलास शर्मा की रचना यात्रा पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रुचि मिश्रा ने किया। महाविद्यालय के भागवत प्रसाद जांगड़े, गिरीश दास, डॉ उमाशंकर मिश्रा, विकास खटिक सहित हिन्दी विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


