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लाहिड़ी महाविद्यालय में दुष्यंत कुमार की जयंती पर व्याख्यान
02-Sep-2023 6:44 PM
लाहिड़ी महाविद्यालय में दुष्यंत कुमार की जयंती पर व्याख्यान

दुष्यंत कुमार की गजल समय और समाज का आईना हैं-डॉ राम किंकर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

चिरमिरी, 2 सितंबर। नगर के ऐतिहासिक शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी के हिन्दी विभाग में हिन्दी के प्रख्यात गजलकार दुष्यंत कुमार की जयंती के अवसर पर 1 सितंबर को छात्र-छात्राओं ने व्याख्यान का आयोजन किया।

इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य और हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. राम किंकर पाण्डेय ने कहा कि दुष्यंत कुमार की गजलों में हमारे समय और समाज की परिस्थितियों का यथार्थ चित्रण मिलता है। वे अपनी गजलों में केवल प्रेम की बात नहीं करते हैं बल्कि अपने आसपास के परिवेश को अपनी गजल का विषय बनाते हैं। वे समाज की विषमता को उद्घाटित करते हैं। वास्तव में दुष्यंत कुमार आम आदमी के कवि हैं।

उन्होंने आम आदमी की पीड़ा को अपनी गजलों में स्थान दिया है। उनकी गजल आज नारे के तौर पर इस्तेमाल होती हुई दिखाई देती है। इससे पहले महाविद्यालय की छात्राओं रुचि मिश्रा, ज्योति चौहान और शिवानी खटकर ने दुष्यंत कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी गजलों का पाठ किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन और संयोजन हिन्दी विभाग के अतिथि व्याख्याता भागवत प्रसाद जांगड़े ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष,अध्यापक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ.उमाशंकर मिश्रा, डॉ.राम नारायण पनिका, अनुराधा सहारिया, विकास खटिक की उपस्थिति प्रमुख रूप से रही।


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