मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 29 जुलाई। बरसात के कारण मौसम में अचानक बदलाव के साथ मौसमी बीमारी के साथ-साथ आई फ्लू का प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह शिविर लगाकर बच्चों का स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी अंधत्व कार्यक्रम ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण के बाद संक्रमित बच्चों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में सभी बच्चों के इलाज हेतु नेत्र रोग विशेषज्ञ के टीम के द्वारा आई ड्राप ओइन्टमेंट और दवाइयां उपलब्ध कराई गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा विकासखण्ड स्तर पर नेत्र सहायक अधिकारियों को सभी आवासीय विद्यालय में जाकर संक्रमित बच्चों की जांच व सामान्य उपचार तत्परता से करने निर्देश दिए गए हैं।
आईफ्लू के सामान्य लक्षण- आँख क ी चुभन, पानी आना, हल्का दर्द के साथ लाल होना कभी-कभी हल्का बुखार व छींक आना।
आइफ्लू से बचाव के उपाय - संक्रमित व्यक्ति अपने आँख में बार-बार हाथ लगाता है। कोशिश करें पीडि़त से हाथ न मिलायें, उनके उपयोग किए किसी भी रूमाल, टावेल चादर व तकिया का इस्तेमाल न करें। पीडि़त व्यक्ति अपने आँखों को बार-बार न छुएं व अपने हाथों को साफ रखें। पीडि़त व्यक्ति आँख को साफ कपड़े से हल्के गुनगुने पानी से सेकाई करें। संक्रमित व्यक्ति हो सके तो काला चश्मा लगाएं। संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है, यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।
सामान्य उपचार- सामान्य उपचार हेतु सिप्रोफ्लोक्सासिन आई ड्रॉप का उपयोग एक-एक बूंद 5 बार कर सकते हैं। इस बार इंफेक्शन वायरल व बैक्टेरियल मिश्रित होने के कारण डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक दवाई लें तथा अधिक समस्या होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।


