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मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
28-Jul-2023 2:52 PM
मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 28 जुलाई। एमसीबी जिले के सर्व आदिवासी समाज ने मणिपुर में जारी हिंसा के विरोध में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रपति से छठवीं अनुसूची में प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने तथा राज्यपाल से भी पद अनुरूप कत्र्तव्यों का निर्वहन न करने के कारण उनसे भी त्याग-पत्र लिए जाने की मांग की है।

 ज्ञापन में कहा गया है कि भारतवर्ष के मणिपुर राज्य में जहां छठवीं अनुसूची लागू है, विगत 3 माह से जारी हिंसा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा नृशंस हत्याएं एवं 3 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। अभी भी हिंसा जारी है। लगभग 60 हजार से अधिक लोग अपने घर छोडक़र शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं, जबकि धरातल पर इनकी संख्या और अधिक हो सकती है। वहीं 4 मई की घटना 77 दिनों बाद 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने एवं सामूहिक बलात्कार की घटना सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई है। यह घटना हृदयविदारक और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है। इस प्रकार की अमानवीय घटना उस समय घट रही है जब हमारे देश की राष्ट्रपति एवं मणिपुर की राज्यपाल दोनों आदिवासी महिलाएं हैं। संविधान में मणिपुर छठवीं अनुसूची राज्य घोषित क्षेत्र होने के कारण राष्ट्रपति व राज्यपाल द्वारा संवैधानिक अधिकार का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पर सीधे तौर पर सरकारों का दबाव बना हुआ है।

 ज्ञापन में कहा गया कि वर्तमान प्रधानमंत्री व गृहमंत्री मणिपुर की अमानवीय घटना को रोकने में नाकाम रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह पूरी घटना सोची-समझी साजिश के तहत जनजाति समुदाय को खत्म करने का षड्यंत्र है। वर्तमान में पूरे देश में जनजाति समुदाय के साथ अन्याय एवं अत्याचार चरम सीमा तक पहुंच गया है। चाहे मध्यप्रदेश में आदिवासी के ऊपर पेशाब करने की घटना अथवा छत्तीसगढ़ में आदिवासी को जेसीबी मशीन से रात भर बांधकर मारने का प्रयास करने का हो। आदिवासियों पर अमानवीय अत्याचार किया जा रहा है, लेकिन केंद्र व राज्य सरकारें इन्हें रोकने में असफल सिद्ध हो रही हैं।

 ज्ञापन सौंपने के दौरान सर्व आदिवासी समाज के परमेश्वर सिंह मरकाम, शरण सिंह, भागीरथी सिंह, अमोल सिंह, महेंद्र सिंह, संतोष सिंह, ऊषा सिंह करियाम, कौशिल्या सिंह, भवन सिंह, राम सिंह,आदि ।

 नजारूष एक्का, ललिता पाव, रघुवर सिंह, बलवीर पाव, श्रीराम, लक्ष्मनिया सिंह एवं कृष्णा सिंह आदि उपस्थित रहे।

 


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