मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
हड़तालरत स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 जुलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ रायपुर के प्रांतीय आह्वान पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी नियमित, संविदा, डीएमएफ एवं जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारी 4 जुलाई से अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से सभी जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह से ठप्प रहेंगी। इस दौरान मरीजों को स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने के कारण जनहानि भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ एमसीबी के जिला अध्यक्ष अरुण ताम्रकार ने प्रमुख मांगों के संबंध में बताया कि नियमित कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर केंद्रीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के समान वेतन, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, 62 वर्ष की सेवा गारंटी, डीएमएफ एवं जीवनदीप में कार्यरत कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन भुगतान करने की मांग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह वर्ष में 13 माह का वेतन, चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान, एकल पदों हेतु पदोन्नति नियम, जोखिम भत्ता, रेडिएशन भत्ता, स्टाफ नर्स को 3/4 अग्रिम वेतन वृद्धि देने, पदनाम परिवर्तन, तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को उनके गृह जिले में 15 सौ फीट भूखण्ड उपलब्ध करा उक्त राशि वेतन से समायोजन करने, आयुष विभाग के अंशकालिक स्वच्छकों को नियमित, भ्रष्ट अधिकारियों का निलंबन, कोविड व आयुष्मान प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार की जांच एवं अन्य 24 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ के 70 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी काम बंद आंदोलन में रहेंगे। इससे आम जीवन को होने वाली जनहानि एवं अन्य स्वास्थ्य कठिनाइयों के लिए शासन-प्रशासन को लगातार ज्ञापन, प्रत्यक्ष चर्चा एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा लगातार ध्यानाकर्षण कराए जाने के बावजूद भी मांगों को अनसुनी किए जाने के कारण विवश होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रांतीय महामंत्री आरडी दीवान ने कहा कि उक्त आंदोलन संघ संरक्षक ओपी शर्मा जी व प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा के नेतृत्व में किया जा रहा है।
प्रांतीय महामंत्री ने कहा कि यह हमारी मजबूरी है, हम स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन नहीं चाहते थे, अभी हमने वैश्विक महामारी कोविड 19 में आम लोगों को अपनी और परिवार की परवाह किए बगैर दिन-रात सेवाएं देकर राहत दिलाया। इसमें हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी स्वयं भी संक्रमित हुए और कुछ शहीद भी हुए। शासन-प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के योगदान के लिए बड़े-बड़े वायदे किए गए, लेकिन पूरा नहीं किया गया और न ही 2018 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र के वायदे को पूर्ण किया गया।
उन्होंने कहा कि हमारी समस्याओं को शासन द्वारा लगातार अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से आम नागरिकों को होने वाली स्वास्थ्य असुविधा के लिए खेद प्रकट किया। वहीं मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि आश्वासन से अब स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं मानने वाले हैं। सभी मांगे पूर्ण होने तक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।


