मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

लाखों खर्च कर नदी में नपा बना रही सांस्कृतिक भवन, शिकायत के बाद जांच में हुई पुष्टि
27-Jun-2023 10:03 PM
लाखों खर्च कर नदी में नपा बना रही सांस्कृतिक भवन, शिकायत के बाद जांच में हुई पुष्टि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 27 जून। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में नदी की जमीन पर लाखों रूपए खर्च कर नगर पालिका द्वारा सांस्कृतिक भवन बनाए जाने का मामला सामने आया है। इस बात की पुष्टि न्यायालय तहसीलदार नजूल द्वारा गठित राजस्व निरीक्षकों की टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में किया है।

जानकारी के अनुसार 16 मई 2023 को रमाशंकर गुप्ता के द्वारा तहसीलदार मनेंद्रगढ़ को इस आशय की शिकायत की गई कि मनेंद्रगढ़ होकर बहने वाली नदी विशालबोरा के खसरा नं. 193 एवं 166 पानी के नीचे की भूमि पर अर्थात नदी की भूमि पर नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण कर सांस्कृतिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर तहसीलदार नजूल द्वारा करीब 10 दिन पूर्व काम रोकने का स्थगन आदेश जारी किया गया।

इस पर नगर पालिका द्वारा जवाब दिया गया कि नदी की भूमि पर निर्माण न कर नजूल मद की भूमि भूखंड क्र. 3/1 पर निर्माण किया जा रहा है, जिसका नजरी नक्शा भी 11 जून 2022 को तात्कालीन राजस्व निरीक्षक द्वारा नि:शक्तजन आवास एवं शर्मा सर के घर के बीच की नजूल भूमि को सांस्कृतिक भवन के लिए भूमि प्रस्तावित कर नक्शा बनाकर दिया गया है, लेकिन नगर पालिका द्वारा नक्शे के अनुसार दर्शाए गए स्थल से और नीचे नदी की ओर बढक़र नदी की भूमि पर निर्माण कार्य कराए जाने की शिकायत रमाशंकर गुप्ता द्वारा की गई है।

शिकायत पर न्यायालय तहसीलदार नजूल द्वारा राजस्व निरीक्षकों की टीम गठित कर स्थल का प्रतिवेदन मंगाया गया। 26 जून 2023 को राजस्व निरीक्षकों द्वारा स्थल का निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया गया और प्रतिवेदन सहित न्यायालय में पेश किया गया है। जांच प्रतिवेदन में राजस्व निरीक्षकों द्वारा यह बताया गया है कि स्थल जांच में पाया गया कि वाद भूमि ग्राम मनेंद्रगढ़ स्थित खसरा नं. 193, रकबा 3.059 हे. मद पानी के नीचे है, जिस पर नगर पालिका परिषद द्वारा 160 वर्गमीटर भूमि पर पक्के भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रकार जांच प्रतिवेदन से यह स्पष्ट हो गया है कि नगर पालिका द्वारा नदी की भूमि पर अतिक्रमण कर बिना आवंटन के निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसका राजस्व निरीक्षकों द्वारा पंचनामा मय नक्शा के प्रस्तुत किया गया है।

इस संबंध में रमाशंकर गुप्ता ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि छग भू राजस्व परिपत्र के अनुसार प्राकृतिक जल संग्रहण या जल प्रवाह जैसे नदी, नाला, तालाब या पानी के नीचे की भूमि प्राकृतिक जल स्रोतों या जल प्रवाह के लिए आरक्षित भूमि होती है। इसका मद परिवर्तित नहीं किया जा सकता है और न ही इसका आवंटन या वितरण किया जा सकता है, लेकिन नगर पालिका द्वारा बिना किसी आवंटन अथवा ग्राम व नगर निवेश विभाग से अनापत्ति प्राप्त किए एवं किसी भी सक्षम राजस्व अधिकारी द्वारा स्थल का कब्जा प्राप्त किए नदी की भूमि पर निर्माण कार्य साफतौर पर नपा की मनमानी और लोक धन का अपव्यय है।


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