मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 29 अप्रैल। पीडि़ता को शादी का झांसा देकर 10 दिनों तक अपने घर में रखकर जबरन उसके साथ रेप करने के केस में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने अभियुक्त के दोषसिद्ध पाए जाने पर विभिन्न धाराओं के तहत उसे क्रमश: 2, 5 एवं 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने बताया कि पीडि़ता 9 मार्च 2019 को पीडि़ता का पिता पीडि़ता के दादा का इलाज कराने अंबिकापुर गया हुआ था जबकि उसकी मां अपने पुराने घर गई हुई थी। पीडि़ता अपनी नानी तथा मौसी के साथ घर पर थी तभी दिन के करीब 2 बजे अभियुक्त अपनी बाइक से पीडि़ता के पास आया और शादी करूंगा कहकर बहला-फुसलाकर जबरन उसे अपनी बाइक में बैठाकर अपनी दादी के घर ग्राम घुंचापुर ले गया जहां से दूसरे दिन पीडि़ता को अपने घर ले गया और 19 मार्च तक उसे अपने घर में रखकर जबरन बलात्कार किया।
मामले में पीडि़ता के पिता की शिकायत के आधार पर खडग़वां पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी के दोषसिद्ध पाए जाने पर न्यायाधीश ने सभी तथ्यों, अपराध की प्रकृति तथा प्रकरण की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कोरबा जिला अंतर्गत थाना पसान के ग्राम बनिया नवापारा निवासी अभियुक्त 26 वर्षीय शंकर लाल उर्फ अमृत लाल को धारा 363 के अपराध में 2 वर्ष, धारा 366 के अपराध में 5 वर्ष एवं धारा 376(2)(एन) के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।


