मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 28 अप्रैल। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में सब्जी मंडी 25 सालों से वीरान पड़ी है और रोजाना सब्जी की दुकानें बीच मार्केट में सडक़ों पर सज रही हैं। इसका सबसे बड़ा असर यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है, लेकिन जिला अस्तित्व में आने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। अफसरों द्वारा यह भी जानने की कोशिश नहीं की जा रही है कि जब मंडी है फिर सब्जी की दुकानें बीच मार्केट में सडक़ पर भला क्यों लग रही हैं?
मनेंद्रगढ़ में पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी जरूरतों से परिपूर्ण करोड़ों रूपए खर्च कर बनाई गई सब्जी मंडी में व्यवस्थित तरीके से सब्जी की दुकानें लग सकें इसके लिए 11 चबूतरों का निर्माण कराया गया है। सब्जी विक्रेताओं को कड़ी धूप और बरसात से बचाने के लिए चबूतरों में बकायदा शेड भी लगवाए गए हैं। 11 चबूतरों में 60 सब्जी विक्रेताओं के बैठने की व्यवस्था है और 2 साल पहले वर्ष 2021 में लॉटरी सिस्टम से लगभग 32 सब्जी सब्जी विक्रेताओं को चबूतरे भी आवंटित कर दिए गए हैं, बावजूद इसके सब्जी विक्रेता मंडी में चबूतरों को छोडक़र बीच बाजार में सडक़ों पर अतिक्रमण कर दुकान लगा रहे हैं। वहीं मंडी में सब्जी विक्रेताओं को आवंटित चबूतरे खाली पड़े हैं। सब्जी मंडी आज तक इसलिए बहाल नहीं हो सकी है, इसका सबसे बड़ा कारण यह कि जिनके लिए मंडी बनाई गई है वे बाजार छोडक़र वहां जाना नहीं चाहते। कई बार राजस्व अमले ने नपा को साथ लेकर बाजार में सडक़ पर सब्जी दुकान लगाने वालों को मंडी में ले जाने की कोशिश की, लेकिन बाद में हाथ खींच लेने की वजह से सब्जी विक्रेता मंडी छोडक़र दोबारा बाजार में खिंचे चले आए।
सडक़ पर सब्जी दुकान लगने से यातायात बाधित
आलम यह है कि बाजार में सडक़ किनारे सब्जी की दुकानें लगने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जैन मंदिर से लेकर, सेंट्रल बैंक, करन नर्सिंग होम, फौव्वारा चौक, हजारी चौक एवं विवेकानंद चौक सभी जगह सब्जी विक्रेताओं के द्वारा सडक़ों पर अतिक्रमण कर रोजाना सब्जी की दुकानें लगाई जा रही हैं। वहीं बीच शहर में कई बैंक भी स्थित हैं, लेकिन बैंक में पार्किंग नहीं होने व सडक़ पर सब्जी की दुकानें लग जाने से सडक़ पर पैदल चलने वालों तक को परेशानी हो रही है। कभी-कभी तो लंबे समय तक इन मार्गों में ट्रैफिक जाम रहता है। जिला बनने के बाद उम्मीद जागी थी कि प्रशासन यातायात को लेकर कड़ा रूख अपनाएगा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपने दफ्तर से बाहर निकलना नहीं चाहते।
मंडी की बहाली के लिए बनानी होगी ठोस कार्ययोजना
सवाल यह कि जब सब्जी मंडी स्थापित है फिर सब्जी विक्रेता वहां जाना क्यों नहीं चाहते, इस पर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि चंद लोगों के मंडी में जाने से काम नहीं चलेगा। कुछ सब्जी विक्रेता मंडी में चले जाते हैं और कुछ बाजार में ही दुकान लगाते हैं, इससे उनके कारोबार पर असर पड़ता है। लोग बाजार में सब्जी खरीदने लग जाते हैं फिर वे मंडी में भला क्यों जाएंगे? यदि बीच बाजार में सब्जी और ठेले में फल व्यवसायियों के द्वारा दुकान लगने पूरी तरह से बंद हो जाएं तो यातायात व्यवस्था सुधरने के साथ सब्जी मंडी भी बहाल हो जाएगी, लेकिन इसके लिए प्रशासन को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। नहीं तो सब्जी मंडी इसी प्रकार वीरान पड़ी रहेगी और लोग यातायात की समस्या से रोजाना दो-चार होते रहेंगे।


