मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

योग जीवन को विकसित करने की श्रेष्ठ पद्धति - संजय गिरि
चिरमिरी, 15 दिसंबर। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर जहां एक ओर एक महामानव के गुण व ् क्षमताएं विद्यमान है वहीं दूसरी ओर उसी व्यक्ति के भीतर एक बहुत बड़ा क्रूर व अपवित्र विचार भी है । योग द्वारा व्यक्ति की सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित कर हम एक विकसित क्षमताओं की संकल्पता को पूरा कर सकते है। योग कर्मसु कौशलम, योग जीवन, कौशल को विकसित करने की एक श्रेष्ठ पद्धति है।
उक्त बातें योग सेवक संजय गिरि ने बीते शनिवार को बीआरसी भवन खडग़वां में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में 7 से 10 दिसंबर तक चार दिवसीय शिक्षकों के संकुल स्तरीय प्रशिक्षण पर बीईओ खडग़वां डी पी मिश्रा के निर्देशन व बीआरसी ओम शंकर पैकरा के मार्गदर्शन में आयोजित योगाभ्यास के दौरान कही। प्रशिक्षण के चारो दिवस गिरि नें शिक्षकों को सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य- नमस्कार , प्राणायाम, ध्यान व कुछ प्रमुख सरल आसनों के अभ्यास कराए े व उसके लाभ भी बताए। गिरि नें रोगानुसार भी आसन व कुछ आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी दी तथा इसे अपने विद्यालयों के बच्चों पर भी उतारने की अपील की। इस दौरान प्रशिक्षण में चारो दिन रिसोर्स पर्सन रूद्रप्रताप सिंह राणा व ् किशोर झा नें एफएलएन मिशन पर विस्तार से कार्यशाला की।
इसमें बीईओ खडग़वां डीपी मिश्रा व बीआरसी ओम शंकर पैकरा का भी मार्गदर्शन मिला।