महासमुन्द

आयुष्मान कार्ड, शिक्षा का अधिकार के लिए च्वाईस सेंटरों में भीड़
06-Apr-2021 4:44 PM
आयुष्मान कार्ड, शिक्षा का अधिकार के लिए च्वाईस सेंटरों में भीड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अप्रैल।
शिक्षा का अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश लेने की प्रक्रिया 22 मार्च से शुरू हो गई है। गरीब बच्चों के परिजन इस योजना का लाभ लेने के लिए च्वाईस सेंटरों में आवेदन भी कर रहे हैं। आगामी 22 अप्रैल तक इस योजना का लाभ जिले के गरीब बच्चों को मिलेगा। इन दिनों आयुष्मान कार्ड के अलावा च्वाईस सेंटरों में पालक की भीड़ भी देखी जा रही है। पालक अपने बच्चों को निजी स्कूल में दाखिला देने के लिए आरटीई के तहत आवेदन कर रहे हैं। इस साल भी 2168 बच्चों को योजना के तहत स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। 

कोरोना के चलते पिछले साल भी भर्ती की प्रक्रिया में लेट लतीफी हुई थी। लेकिन इस साल दो चरणों में ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जुलाई तक सभी बच्चों को प्रवेश निजी स्कूलों में मिलेगा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ आरटीई प्रभारी नेहा चंद्राकर ने बताया कि 22 मार्च से शिक्षा का अधिकार के तहत ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है। च्वाईस सेंटरों से पालक आवेदन कर रहे हैं। इसके बाद उसकी हार्डकॉपी नोडल अधिकारी को जमा करेंगे। छंटनी के बाद लॉटरी निकाली जाएगी। उसके बाद बच्चों को स्कूल का आवंटन होगा। यह प्रक्रिया इस बार दो चरणों में होगी। यानी बच्चों को केवल दो ही मौका मिलेगा। यदि दो मौका चूके तो, योजना से वंचित हो जाएंगे।

मालूम हो कि बीते 22 मार्च से पालक अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं। अभी तक जिलेभर में 631 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए है।  22 अप्रैल को यह पोर्टल बंद हो जाएगा। इसके बाद दोबारा आवेदन करने के लिए यह पोर्टल सीधे 17 जून से प्रांरभ होगा। 

इस तरह इस बार दो बार ही मौका मिलेगा। पहली बार में दाखिला मिल जाए, इसलिए पालक आवेदन कर रहे हैं। पहली तिथि का ऑनलाइन आवेदन समाप्त होने के बाद दस्तावेजों की जांच होगी। उसके बाद 24 से 28 मई तक लॉटरी निकलेगी। जिस बच्चों का नाम आएगा उन्हें 19 मई से 15 जून तक स्कूलों में प्रवेश देंगे।

आरटीई के तहत जिले के 226 निजी स्कूलों ने अपना पंजीयन पोर्टल में कराया है। इन स्कूलों में ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। पंजीयन की प्रक्रिया पूर्व में ही कर ली गई थी। इसके साथ ही सभी स्कूल की मैपिंग भी हो गई है। मैपिंग के आधार पर ही बच्चों को प्रवेश मिलेगा। इस बार सीटों की संख्या में वृद्घ भी हुई है। 119 सीट बढ़े है। पूर्व में आरटीई की 2049 सीटें थी। अब बढक़र यह सींटे 2168 हो गई है।
 


अन्य पोस्ट