महासमुन्द

सितम्बर तक खरीदे गए गोबर और बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट की समीक्षा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अप्रैल। कलेक्टर डोमन सिंह ने कल वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए नगर पालिका अधिकारियों की बैठक ली। माह सितम्बर 2020 तक गोधन न्याय योजना के तहत शहरी क्षेत्र के पशुपालकों से खरीदी गई गोबर की मात्रा के मान से बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि सितम्बर तक खरीदे गए गोबर और बनाए गए वर्मी और बेचे गए वर्मी का हिसाब-किताब सटीक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खरीदे गए गोबर का उपयोग अन्य गोबर की लकड़ी, धूपबत्ती, गमले,दीये, मूर्ति आदि उत्पाद बनाने की तैयारी में लगाया गया है। उसकी मात्रा घटाकर लगभग 42 प्रतिशत् तक वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाना है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने पिथौरा नगर पालिका द्वारा खरीदे गए गोबर और बनाए गए वर्मी की तारीफ की। उन्होंने अन्य नगरपालिका अधिकारियों से भी इसी तरह काम करने की मंशा जाहिर की।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आकाश छिकारा, अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एके हालदार मौजूद थे।
महासमुंद सहित छ: नगरीय क्षेत्रों में सक्रिय 8 गोठानों में 441 पंजीकृत पशुपालक है। जिनमें से केवल 257 सक्रिय पशुपालक हैं। नगरीय क्षेत्रों में अब तक पशुपालकों से 23456 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का शुभारंभ 20 जुलाई 2020 को हरेली त्योहार की गई थी। इस दिन से प्रदेश के सभी 166 नगरीय निकायों में 377 शहरी गोधन खरीदी केंद्रों का चिन्हाकित कर पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर की खरीदी प्रारंभ की गई।
इस योजना का भुगतान सहकारी साख समिति के माध्यम से नागरिकों के खातों में ऑनलाइन किया जा रहा है। इस योजना से शहरी गरीब, स्व सहायता समूह की महिलाओं को अतिरिक्त् रोजगार का अवसर प्राप्त हो रहा है। महासमुंद जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के 292 सक्रिय गोठानों में 8027 पंजीकृत पशुपालक है जिनमें से 7540 सक्रिय पशुपालक हैं। इनसे अब तक 181048 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।
स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा 9031 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया जिसमें से 8027 क्विंटल का विक्रय हो चुका है।