महासमुन्द

महासमुंद का नयापारा कोरोना का नया हॉट स्पॉट
25-Mar-2021 2:40 PM
महासमुंद का नयापारा कोरोना का नया हॉट स्पॉट

एसडीएम श्री चंद्रवंशी निगम कर्मियों के साथ नयापारा पहुंचे और लोगों को घर के अंदर रहने हिदायत दी।


जिले का इस साल का पहला कंटेनमेंट जोन घोषित

  बुधवार को इसी मोहल्ले में फिर मिले 27 नये संक्रमित, 2 दिनों में 2 मौतें  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 मार्च।
महासमुंद शहर में नयापारा क्षेत्र कोरोना का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। इस मोहल्ले के हर एक घर से संक्रमित मिल रहे हैं। पड़ोसी मोहल्ले के लोगों में इस बात की दहशत है और इस मोहल्ले कोकंटेनमेंट जोन बनाकर सील करने की मांग कर रहे हैं। बुधवार को इसी इलाके में सघन जांच अभियान के दौरान एक बार फि र से 27 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं, वहीं इसी इलाके की निवासी एक महिला की बुधवार की देर रात मौत हो गई। दो दिनों के भीतर इस वार्ड में कोरोना से यह दूसरी मौत है। 

इस मोहल्ले की कुछ महिलाओं ने ‘छत्तीसगढ़’ से फोन पर बातचीत की तो पता चला कि ऐसा कोई घर नहीं है, जहां के लोगों को सर्दी बुखार खांसी नहीं है। सैम्पल लेते ही कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। इस इलाके की कई महिलाएं इसी हालत में शहर में झाड़ू-पोंछा का काम करने निकलती हैं। वहीं बहुत से लोगों मसलन दूध वाले, सब्जी वाले आदि का आना-जाना लगा है।
 
इस मामले में कलेक्टर डोमन सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ को जानकारी दी है कि आज दोपहर को इस इलाके को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया है। इसका आदेश जारी हो गया है।

ज्ञात हो कि कल जिस महिला की मौत हुई, उसकी तबीयत पिछले कई दिनों से खराब थी। नयापारा क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद इस क्षेत्र में लगातार आसपास के लोगों का सैंपल लिया जा रहा है। 23 मार्च को भी यहां घर-घर जाकर जांच अभियान चलाया गया। इसी दौरान महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद महिला को जिला अस्पताल स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां महिला का ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होता गया और कल महिला ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि महिला नायब तहसीलदार की सास है। 


आज ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता सुबह साढ़े 10 बजे नयापारा पहुंची। कल जिन लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे, सुबह-सुबह घर का कामकाज निपटाकर पड़ोसियों के घर गए थे। एक संक्रमित ने अपनी किराने की दुकान खोल रखी थी। उस दुकान में बच्चे, जवान, बूढ़े सभी कुछ न कुछ खरीदने आ रहे थे। हर घर से खांसने की आवाज आ रही थी। 

वार्ड की पार्षद मीना वर्मा मुंह में कपड़ा बांधे गली में लोगों को चिल्ला-चिल्ला कर बता रही थी कि यह गलत है। हारकर उसने एसडीएम सुनील चंद्रवंशी को फोन लगाया। फिर उसने कोतवाली थाने में किसी सिपाही से बात की और कहा कि कम से कम एक-दो पुलिस वाले ही भेज दो ताकि लोगों में थोड़ा सा डर पैदा हो और वे घरों से न निकलें, मेलजोल कम हो, संक्रमण को रोका जा सके। वह अकेली ही कोशिश कर रही थी लोगों को समझाने की। लेकिन लोग मान नहीं रहे थे। किसी को कोरोना का भय नहीं था। सभी अन्य दिनों की तरह बिंदास अपने घरों से निकलकर लोगों से मिल-जुल रहे थे। इन्हें कम से कम जागरुकता का अभाव तो हरगिज नहीं कहा जा सकता। ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता ने गुरुवार सुबह वहीं से कलेक्टर को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज ही उस इलाके को कंटेनेमेंट जोन में तब्दील किया जाएगा।

बुधवार को नयापारा क्षेत्र में कैंप लगाकर भी लोगों का सैंपल लिया गया। इस दौरान एसडीएम, नायाब तहसीलदार सहित स्वास्थ्य अमला मौजूद था। इस दौरान करीब 130 लोगों का सैंपल लिया गया। बुधवार को ही जिले में एक बार फिर से 76 मरीज सामने आए हैं। सर्वाधिक मरीज महासमुन्द ब्लॉक से हैं। महासमुन्द से 51 मरीजों की पहचान हुई है, वहीं सरायपाली से 15, बागबाहरा में 4 और पिथौरा में 6 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही महासमुन्द जिले में एक्टिव केस की संख्या 178 पहुंच गई है। जिले में अब तक 9840 मरीजों की पहचान हो चुकी है। अब तक 9391 ठीक हुए हैं।

ज्ञात हो कि महासमुन्द जिले में कोरोना का पहला मरीज 29 मई को सामने आया था। इसके बाद से जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते गए। इस महीने 24 दिन में कोरोना के 356 मरीज सामने आ चुके हैं। वर्तमान में रोजाना औसतन 15 मरीज मिल रहे हैं। फ रवरी में ये आंकड़ा औसतन 7.29 था। इसी तरह इस महीने मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं। फ रवरी में केवल 3 लोगों की मौतें हुई थी, लेकिन इस महीने 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर शिक्षा पर पड़ा है। अब पढ़ाई स्कूल और कॉलेज में नहीं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हो रही है। वहीं छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए मोहल्ला क्लास का सहारा लिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसमें ऑनलाइन, मोहल्ला क्लास व लाउडस्पीकर से पढ़ाई जारी है। कोरोना के पहले यदि घरों व सार्वजनिक कार्यक्रम होते थे, वहां काफी भीड़ होती थी। अनलॉक के बाद सार्वजनिक व घरेलू कार्यक्रमों में लोगों की संख्या घटने लगी।


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