महासमुन्द
बिरकोनी में कबीरपंथी समाज का दो दिवसीय सत्संग समारोह
13-Mar-2021 4:17 PM

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महासमुन्द, 13 मार्च। करुणा रोती है और ज्ञान हंसता है। आप रोइए, रोने से जन्मों के दोष धुल जाते हैं। जन्म-जन्मांतर का मैल केवल आंसुओं से धुलता है। पत्थर दिल अर्थात जिसमें करुणा, दया व प्रेम नहीं हो वह रो नहीं सकता।
साहेब को जानना है, उन्हें पाना है तो कोमल हृदय का होना पड़ेगा। साहेब को मान रहे हैं तो आपके भीतर दया व करुणा के गुण आना चाहिए। शैतान सबके अंदर हैं और परमात्मा भी सबके अंदर हैं। जिस पल किसी और की पीड़ा से आपके आंसू टपकने लगे तो जान लीजिए कि आपके भीतर साहेब विराजमान हो गए हैं। उक्त बातें कल शुक्रवार से आयोजित सद्गुरू कबीर सत्संग समारोह में महंत अमरदास साहेब ने कहा।
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