महासमुन्द
सोमवार से सम्हालेंगे कामकाज, ऑपरेटर्स ने भी की ड्यूटी ज्वाइन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,22 नवंबर। लंबी हड़ताल से लौटने के बाद कल जिले के सभी 182 उपार्जन केंद्रों में प्रबंधकों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है। इसके साथ ही जिला प्रशासन सहित किसानों ने राहत की सांस ली है। इस तरह बीते 18 दिनों की हड़ताल की वजह से बेपटरी हो हो चुकी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अब वापस पटरी पर लौटने लगी है।
किसानों के मुताबिक अब प्रबंधकों के हड़ताल से लौटने के बाद धान खरीदी में तेजी आने की संभावना है। यानी अब उपार्जन केंद्रों से भी टोकन कटना शुरू हो जाएगा।
जानकारी अनुसार प्रबंधकों के साथ हड़ताल पर गए ऑपरेटर्स भी अब वापस ड्यूटी जॉइन कर चुके हैं। जिन उपार्जन केंद्रों में आउट सोर्सिंग के माध्यम से 75 ऑपरेटर्स की नियुक्ति की गई थी, वहां कई आपरेटर्स काम समझ नहीं आने की वजह से इस्तीफा देकर काम छोड़ चुके थे। जो ऑपरेटर्स काम छोड़ चुके थे, वे भी कल पुन: काम पर लौट आए हैं। जबकि 25 उपार्जन केंद्रों में नए ऑपरेटर्स के मुताबिक ही कल काम का संचालन हुआ। वहीं प्रबंधकों ने भी कल सचिवों तथा आईओ के साथ मिलकर काम किया। जानकारी के मुताबिक परसों सोमवार से सभी पुराने प्रबंधक अपने-अपने उपार्जन केंद्रों में काम सम्हाल लेंगे।
ज्ञात हो कि सहकारी समिति प्रबंधकों, ऑपरेटर्स, सेल्समेन दुकान निलंबन आदेश के बाद से कल से ही काम पर वापस लौटने लगे थे। कल सहकारी समिति के माध्यम से संचालित सभी 352 दुकानें खुली तथा लोगों को राशन मिला। बीते 18 दिनों से सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित राशन दुकानों में भी उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण नहीं हो पा रहा था। जिले में कुल 593 उचित मूल्य की दुकाने हैं। इनमें से 352 सहकारी समितियां चलाती है। सहकारी समिति कर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से बीते 5 दिनों से अनेक उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था चरमराई हुई थी।
इस तरह राज्य शासन के मंशानुरूप खरीफ विपणन वर्ष 2025.26 अंतर्गत कृषक उन्नति योजना के तहत जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बिना किसी रुकावट के तेजी से जारी है। जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का आज 8वां दिन हैं। जिले के 130 समितियों के 182 उपार्जन केन्द्रों में से 123 केन्द्रों में कल दिनांक तक एक लाख 44 हजार 506.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिन केन्द्रों में धान खरीदी की शुरुआत नहीं हुई है लगभग उन सभी उपार्जन केंद्रों में किसानों से निर्बाध रूप से धान खरीदने की पूरी तैयारी की गई है।


