महासमुन्द

केन्द्रों में धान खरीदी से पहले की तैयारी शुरू नहीं, कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल पर
11-Nov-2025 3:49 PM
केन्द्रों में धान खरीदी से पहले की तैयारी शुरू  नहीं, कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल पर

24 घटे में काम पर लौटने का अल्टीमेटम  अधिकांश खरीदी केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल और चबूतरे टूटे, घास व कटीली झाडिय़ां

सुरक्षा घेरा के लिए लगाए गए फेंसिंग तार व सीमेंट के पोल भी टूटे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद.11नवंबर। महासमुंद जिले में भी 3 दिनों के बाद 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो जाएगी लेकिन अभी तक धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी से पहले की तैयारी शुरू नहीं हो पाई है। अधिकांश खरीदी केन्द्रों में बाउंड्रीवाल और चबूतरे टूटे हैं। इतना ही नहीं केन्द्रों की सफाई तक नहीं हुई है। यदि 15 नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो भी जाए तो आधी अधूरी तैयारी के साथ ही धान की खरीदी की होगी। हालांकि जिम्मेदारों ने खरीदी से पहले व्यवस्था बनाने का दावा किया है। प्रदेश सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों को 24 घंटे में कम पर लौटने अल्टीमेटम दिया गया है।

मालूम हो कि खरीदी शुरू होने के पहले कैसे खरीदी की जानी है, इसका धान खरीदी केन्द्रों में ट्रायल किया जाता है। इसके बाद ही टोकन जारी होता है। लेकिन किसी भी केन्द्र में ट्रायल अब तक नहीं हो पाया है।

सोमवार तक जिले के तमाम खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था नजर आई। खरीदी केन्द्र बरोंडाबाजार, बेमचा, झलप, डुमरपाली, रायतुम, पचरी, इंदरपुर, छांदनपुर, सिरको समेत 30 से अधिक केन्द्रों केन्द्रों का हाल बेहाल था। अधिकांश केन्द्रों में घास व कटीली झाडिय़ां दिखी। सुरक्षा घेरा के लिए लगाए गए फेंसिंग तार व सीमेंट के पोल टूटे हुए थे। इससे चोरी और मवेशी के अंदर घुसने की आशंका है।

डूमरपाली धान खरीदी केन्द्र में न चबूतरा है, न शेड, न ही पानी की व्यवस्था है। यहां बगल में स्थित एक बोर से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था है। यही हाल जिले के तमाम समितियों का है। किसान समितियों में टोकन कटवाने तो पहुंच रहे हंै लेकिन केन्द्र बंद रहने के कारण बैरंग लौट रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था तक नहीं की जा सकी है। इसे लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है।

जिले में सोसायटी के कर्मचारी बीते 3 नवंबर से अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सहकारी समिति कर्मचारी संघ महासमुंद के जिलाध्यक्ष विजय कोसरे ने कहा है कि सरकार हमारी 4 सूत्रीय मांगें मान लेती हैं हम काम पर लौट जाएंगे। यदि सरकार का रवैया नहीं बदला तो हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगी।

 

कई केन्द्र में मैदान उबड़-खाबड़

 इंदरपुर, छानदनपुर, झलप, सिरको समेत कई केन्द्र ऐसे है जहां मैदान उबड़ खाबड़ है। अभी तक समतल नहीं कराया गया है। बारिश होने के कारण इन केन्द्रों में पानी भरने की आशंका है। ऐसे में धान खरीदी नहीं हो सकेगी। अधिकांश केन्द्रों में पुरानी व सड़ी गली भूसी रखी हुई है। प्लास्टिक बोरी फटी हुई है। जिले के 182 में से 45 ऐसे उपार्जन केन्द्र हैं,जहां चबूतरे नहीं बने हैं। यहां पिछले साल की तरह जमीन में प्लास्टिक बोरी में भूसी भरकर खरीदी की गई थी। नमी आने से धान खराब होने की आशंका है। पर्याप्त मात्रा में भूसी नहीं पहुंचने से समिति प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है। अधिकारियों ने कहा कि व्यवस्था की जाएगी।

मालूम हो कि जिले में धान बेचने के लिए पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इसके लिए पहले 31 अक्टूबर तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। बावजूद अधिकांश किसान पंजीयन नहीं करा पाए थे। जिसके बाद दोबारा इसकी तिथि बढ़ाकर 10 नवंबर तक की गई थी। सोमवार को पंजीयन कराने का अंतिम दिन था।


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