महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 नवंबर । ग्राम मोरधा के 120 ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई और क्रेता, विक्रेता के बीच हुआ सौदा निरस्त करने की मांग की। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि वर्षों से पूर्वज इस तालाब से निस्तारी करते आ रहे हैं। यह ग्राम का एकमात्र तालाब है। जिसमें ग्रामीण निस्तारी करते हैं, अपने मवेशियों को पानी पिलाते हैं।
सौंपे ज्ञापन में मोरधा के ग्रामीणों ने कहा है कि ग्राम पंचायत मोरधा के अंतर्गत प.ह.नं. 47 ग्राम शेर तहसील महासमुंद में खसरा नंबर 280 रकबा 0.62,1.77 हे. कुल रकबा 2.39 हे. मेसर्स वैशाली हॉर्टिक्लचर प्रायवेट लिमिटेड कंपनी गांधी चौक महासमुंद के नाम को आयुष इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ग्राम बोरझारा तहसील धरसींवा बिलासपुर के साथ क्रय-विक्रय सौदा किया गया है। इसे लेकर अनापत्ति के लिये बकायदा ईश्तहार का प्रकाशन किया गया है। जिस पर ग्रामीणों ने ल जनदर्शन कलेक्टोरेट पहुँचकर अपनी आपत्ति दर्ज की है।
ग्रामीणों का कहना है कि उपरोक्त खसरा नंबर 280, 281 कुल रकबा 2.39 हेक्टेयर ग्राम मोरधा आम निस्तारी तालाब है। इस खसरा नंबर की जमीन न कृषि भूमि है और ना ही पड़त भूमि। पूरी जमीन तालाब है। इस तालाब में ग्राम मोरधावासियों के पूर्वज सालों से निस्तारी करते आ रहे हैं। यह ग्राम का एक मात्र तालाब है। इसके अलावा यहां निस्तारी का और कोई साधन नहीं है। उक्त जमीन मौका पर तालाब है। राजस्व पटवारी रिकॉर्ड में सांठ-गांठ कर नक्शा में सिंचित रकबा फसल चक्र खंडर पड़त बता कर इसे क्रय-विक्रय का प्रयास किया जा रहा है। जो पूरी तरह से अनुचित है। क्रय-विक्रय पंजीयन होते ही तालाब को पाटकर यहां सोलर पंप स्थापित कर दिया जायेगा। ग्रामीणों ने यह भी बताया के केवल मोरधा ही नहीं ग्राम मुरकी के भी लोग इस तालाब से निस्तारी करते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस तालाब का सौदा निरस्त कर इस विक्रय से बचाया जावे।
ज्ञापन सौंपने के दौरान बोहर लाल साहू, महेश्वर साहू, खेलावन, राम खिलावन, शेखलाल, धनेश, गिरधर, माधो, लक्की, बसंत, विक्की, राकेश, बलराम, सुकुब राज, गोपी राम, मन्नू सहित ग्राम मोरधा के बड़ी संख्या में मौजूद थे।


