महासमुन्द

राष्ट्रीय कार्यक्रम ठप-कृमि नियंत्रण पखवाड़ा आगे बढ़ा: हेल्थ सेंटरों में ताला लटक रहा
09-Sep-2025 3:23 PM
राष्ट्रीय कार्यक्रम ठप-कृमि नियंत्रण पखवाड़ा आगे बढ़ा: हेल्थ सेंटरों में ताला लटक रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,9 सितंबर। पिछले 22 दिनों से एनएचएम कर्मियों की हड़ताल की वजह से जिले भर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमरा गई है। शहर के 4 सब हेल्थ सेंटर सहित कुल 100 स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। अनेक हेल्थ सेंटरों में अब केवल ताला लटका हुआ है। मरीजों को उपचार कराने के लिये अब केवल निजी अस्पतालों का ही सहारा है। जबकि जिला अस्पताल में जिले भर के मरीजों का लोड़ बढऩे की वजह से लंबी कतारें लग रही है। फलस्वरूप यहां से अनेक मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।

खासतौर पर हड़ताल का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ सेंटरों में अधिक देखा जा रहा है। महासमुंद शहर में नयापारा, मौहारीभांठा, पिटियाझर तथा गुडरूपारा में शहरी हेल्थ सेंटर बनाये गये हैं। हड़ताल से पहले प्रत्येक सेंटर में रोजाना 90 से 120 मरीज की ओपीडी दर्ज होती थी। है। मौसमी बीमारियों के सीजन में ओपीडी 150 से 180 तक दर्ज हो जाती थी। लेकिन अब इन चारों हेल्थ सेंटरों में ताला लटका हुआ है। इलाज की आस में ेयहां आने वाले मरीजों को सीधे जिला अस्पताल जाना पड़ा रहा है।  चूंकि जिला अस्पताल में भीड़ अधिक हो रही है। फलस्वरूप सैकड़ों की संख्या में नवजात शिशुओं सहित  बालक-बालिकाएं टीकाकरण से वंचित हो रहे हैं। बेमियादी हड़ताल के मद्देनजर अनेक राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी नियंत्रण कार्यक्रम थम गया है। अधिकारियों ने हाल ही में होने वाले कृमि नियंत्रण कार्यक्रम को स्थगित तथा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम ठप है। गौरतलब है कि परिवर्तन हो रहे मौसम के बीच फिर एक बार वायरल फीवर तथा सर्दी-खांसी के मरीजों में इजाफा हुआ है। ऐसी स्थिति में रोजाना अस्पतालों में सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। लेकिन हड़ताल की वजह से मरीजों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है और एनएचएम कर्मियों की हड़ताल का फायदा निजी क्लिनिक संचालक उठा रहे हैं ।

तथा मरीजों से अनाप-शनाप फीस चार्ज कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल की वजह से पिछले 22 दिनों से शिशुओं को लगाये जाने वाला रूटीन टीकाकरण भी बंद है।


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