महासमुन्द

एनएचएम कर्मियों की हड़ताल जारी, ज्योति कलश लेकर निकाली रैली
09-Sep-2025 3:22 PM
एनएचएम कर्मियों की हड़ताल जारी, ज्योति कलश लेकर निकाली रैली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,9 सितंबर। हड़ताल के 22वें दिन सोमवार को एनएचएम कर्मियों ने नियमितिकरण एवं ग्रेड पे सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया। इस दौरान महिला एनएचएम कर्मियों ने अपने सिर पर ज्योति कलश लेकर रैली निकाली और पुरूष कर्मियों ने पूरी रैली भर थाली बजाकर शासन को जगाने का प्रयास किया। ये सभी लोहिया चौक से थाली व ताली बजाते हुए रैली निकालकर विधायक कार्यालय पहुंचे तथा विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा को ज्ञापन सौंपा।

 मालूम हो कि पिछले 22 दिनों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य विभाग की स्थिति खराब हो गई है। अपनी मांगों को लेकर अड़े एनएचएम कर्मचारी हर दिन अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं। कभी जल सत्याग्रह, कभी खून की स्याही से चि_ी तो कभी पीपीई किट पहनकर दंडवत प्रणाम कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ  आश्वासन दिया जा रहा है। जनप्रतिनिधि के साथ-साथ पक्ष-विपक्ष के नेता भी एनएचएम कर्मचारियों के समर्थन में आ चुके हैं। एनएचएम कर्मचारियों व सरकार की इस आर.पार की लड़ाई के बीच आम जनता पीस रही है।

हालात यह है कि रोज नई-नई लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की सामने आ रही है। गरियाबंद की महिला गार्ड द्वारा इंजेक्शन लगाना हो या बागबाहरा के ड्राइवर द्वारा स्टिच टांका लगाने की घटना। यह घटनाएं स्वास्थ विभाग की पोल खोल रही है। जनता पूरी तरह से त्रस्त है सब हेल्थ सेंटर, पीएचसी लेवल, सीएचसी में शामिल 100 केंद्र मानों पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। मामूली सर्दी-खांसी, बच्चों के टीका के लिए भी आम जनता को जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है।  महासमुंद जिला अस्पताल में लंबी लंबी कतार देखने को मिल रही है। वही अंबिकापुर में एक चपरासी द्वारा दवाई बांटने की घटना सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। जिला अध्यक्ष राम गोपाल खूंटे ने बताया कि अब लड़ाई आर-पार की है।

 प्रशासन बोल रही है कि ग्रेट पे, नियमितीकरण का मामला केंद्र सरकार का है। जबकि सूचना के अधिकार से स्पष्ट हो चुका है कि ग्रेट पे और नियमितीकरण का मामला सिर्फ  राज्य सरकारों का है। मध्य प्रदेश सरकार पहले से ही ग्रेट पे अनुकंपा नियुक्ति जैसी मामला मूलभूत सुविधाएं कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार का पत्र सोशल मीडिया में हर तरफ  वायरल है और हमारे राज्य में बड़े पद पर बैठे अधिकारियों को जानकारी ही न हो ऐसा नहीं हो सकता।


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