महासमुन्द

आमरण अनशन शुरू होते ही पहुंचे अफसर, मुनगासेर में 30 को जिला सहकारी बैंक की नवीन शाखा शुरू होगी
03-Oct-2024 2:46 PM
आमरण अनशन शुरू होते ही पहुंचे अफसर, मुनगासेर में  30  को जिला सहकारी बैंक की नवीन शाखा शुरू होगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 3 अक्टूबर।
जिले के मुनगासेर में स्वीकृत जिला सहकारी बैंक की नवीन शाखा खोलने के लिए हीला हवाला कर रहे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मुख्यालय रायपुर के अधिकारियों के खिलाफ 35 गांवों के हजारों किसानों ने जनपद अध्यक्ष स्मिता चंद्राकर, आंदोलन संयोजक हितेश चंद्राकर के नेतृत्व में कल आमरण अनशन की। अनशन में किसानों की बढ़ती भीड़ को देखकर पुलिस बल व तहसीलदार मौके पर पहुंचे। बैंक शाखा खोलने की मांग को लेकर किसान एवं ग्रामीण स्वत: अनशन स्थल पहुंचे थे। किसान स्वयं अपने-अपने गांव में काम बंद कर तैयारी में जुटे थे। तभी घरना स्थल पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के हवाले से नोडल अधिकारी शर्मा, नरेंद्र ठाकुर कोमाखान बैंक मैनेजर ने मुख्यालय रायपुर सीईओ द्वारा जारी किये गये आदेश पत्र का अनशन पर बैठे किसानों के सामने वाचन किया और 30 अक्टूबर 2024 को बैंक की नवीन शाखा का शुभारंभ करने की घोषणा की। 

उन्होंने बताया कि नवीन बैंक शाखा के भवन का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 30 अक्टूबर के दिन बैंक उद्घाटन करने में हीला.हवाला करने पर एक नवंबर को कलेक्टर के घेराव की चेतावनी सभा स्थल से दी। धरने में शामिल लोगों ने अनशन स्थल पर बैंक शाखा खुलने की घोषणा के बाद आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। इसके पूर्व जनपद अध्यक्ष स्मिता चंद्राकर, किसान नेता आंदोलन के संयोजक हितेश चंद्राकर, जनपद सदस्य ममता चंद्राकर, किसान नेता पारस सांखला एवं कुमार ढीढी, खीरसाय पटेल ने महात्मा गांधी, भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अनशन शुरू किया। 

जनपद अध्यक्ष स्मिता चंद्राकर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण कर कहा कि आज हम सब मुनगासेर में अपनी सबसे बड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए आमरण अनशन पर बैठने विवश हुए हैं। हम किसान भाइयों को अपनी मेहनत की कमाई का दाम लेने कोमाखान बैंक में बारी का इंतजार करते रात-दिन खड़ा रहना पड़ता है। फिर भी समय पर किसानों को चुकारा नहीं मिल पाता। यह अनशन किसी सरकार या नेता, समाज के खिलाफ  नहीं है। हमें अनशन पर बैठने का कोई शौक नहीं है। लेकिन अधिकारियों ने हमें अनशन पर बैठने के लिए मजबूर किया। 

मुनगासेर में बैंक शाखा स्वीकृत हो जाने के बाद भी रायपुर में बैठे आला अधिकारी बैंक शुरू करने के लिए नाना प्रकार के अडंगे लगाते रहे हैं। किसानों की मांग को रायपुर में बैठे अधिकारी नजर अंदाज कर रहे थे। उनके कानों पर जूं तक नहीं रंग रही थी। इस कारण हमने आप सबके सहयोग से अनशन पर बैठने का निर्णय लिया। इस आंदोलन में खलल डालने की कोशिश में जुटे लोगों को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि हिम्मत हो तो सामने आकर सवाल-जवाब करें। 

श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि जनहित के काम के लिए एक बार क्या सैकड़ों बार आमरण अनशन करना पड़े तो हम करेंगे।
किसान नेता हितेश चंद्राकर ने कहा कि हम आपकी हर समस्या के लिए प्रथम पंक्ति में खड़े नजर आयेंगे। आप सब एकता बनाकर चलें। उन्होंने विस्तार पूर्वक पूरे घटनाक्रम को किसानों के सामने रखा। सभा को रामखिलावन साहू, पुरानु साहू, उल्लास चंद्राकर, सालिकराम चंद्राकर, मोरध्वज चक्रधारी, गैंद महानंद, तिलक चंद्राकर ने भी संबोधित किया। संचालन किसान नेता पारस सांखला, आभार प्रदर्शन विनोद दीवान ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से खीरसाय पटेल, पुनीत सिन्हा, चिंताराम सिन्हा, धीरज चंद्राकर, छन्नू साहू, घनश्याम साहू, खेमराज सिन्हा, घनश्याम चंद्राकर,रमेश चंद्राकर, कार्तिक राम पांडे, मंगतू राम ध्रुव, बरसाती साहू, देवशरण देवांगन आदि उपस्थित थे। 


अन्य पोस्ट