महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 3 अक्टूबर। महासमुंद जिले में 3 अलग-अलग स्थानों पर दंतैल विचरण कर रहे हैं। पता चला है कि एक शावक दंतैल जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर परसापानी के जंगल में विचरण कर रहा है। फलस्वरूप इस ग्राम से लगे दर्जन भर ग्रामों में दहशत का आलम है। इसे लेकर वन विभाग ने परसापानी, आमाझोला, लोहारडीह, बनसिवनी, कोडार, बंजारी, घोंघीबाहरा, सोरिद, नायकबांधा, पेंड्राडीह, लोहारगांव को अलर्ट कर दिया है। नये दंतैल शावक के आमद से ग्रामीणों में और भी दहशत है। कल सुबह वन अमले ने खेतों में हाथी के पदचिन्ह देखा है।
इसके अलावा बया क्षेत्र में भी एक हाथी कोठारी तालादादर के मध्य विचरण कर रहा है। जिसे देखते हुये लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद की ओर जिला मुख्यालय के समीप पहुंचा टस्कर एमई 3 का लोकेशन अब भी जीवतरा से बकमा के आसपास बना हुआ है। कल शाम 7 बजे कोठारी से नवागांव जाने वाले मुख्य मार्ग पर एक जंगली हाथी के आ जाने से दहशत आवागमन बाधित हो गया। वन विभाग ने सुरक्षा की नजर से वन नाका नवागांव व वन उपज नया देवपुर में आदेश जारी कर उक्त मार्ग को बंद कराया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बया-कसडोल मुख्य मार्ग पर कोठारी से तालदादर के बीच कल शाम 7 बजे एक हाथी को लोगों ने घूमते देखा। सूचना मिलते ही वन अमला द्वारा वनोपज नाका को बंद कर आवाजाही पर रोक लगाई गई है। मालूम हो कि वर्तमान में अर्ली वेरायटी के फसल पकने के कगार पर हैं। क्षेत्र में हाथी के विचरण से किसानों को नुकसान की आशंका व्यक्त की गई है।
इसी तरह फिंगेश्वर रेंज में प्रवेश कर एक हाथी जंगल में घूम रहा है। साथ ही हाथियों का एक दल सिरपुर क्षेत्र के छत्तालडबरा में है। इसमें टस्कर एमई 2 बबलू सहित 2 व्यस्क हाथी शामिल हैं। हाथी के आमद के बाद से वन विभाग ने करीब दर्जन भर गांवों को जंगल में न जाने के लिए अलर्ट किया है। गौरतलब है कि जिले में अब तक हाथियों के कुचलने से दर्जनों भर लोगों की मौतें हो चुकी है। माह भर पहले भी एक व्यक्ति को दंतेल ने मौत के घाट उतार दिया था।