महासमुन्द

पालक स्कूल पहुंचे, संचालनकर्ता को हटाने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 अक्टूबर। जिले के सरायपाली क्षेेत्र स्थित शासकीय प्राथमिक शाला मोंहदा में बच्चों को कीड़ा युक्त चावल से बना मध्यान्ह भोजन देने का मामला सामने आया है।
ग्रामीणों ने शाला में अचानक धावा बोला और रसोई कक्ष में उक्त घटिया चावल बनाते हुए रसोईयों को रंगे हाथों पकड़ा। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है।
ग्राम मोहदा के ग्रामीण हेमनाथ पटेल, सुरेन्द्र साहू, हेमसागर निषाद, भुनेश्वर वैष्णव, दुबेलाल आदि ने बताया कि विद्यालय में बच्चों को अक्सर खराब चावल बनाकर खिलाया जाता है। इस संबंध में वे कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं। लगातार इस प्रकार के भोजन से बच्चों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में मध्यान्ह भोजन का संचालन पंच बंदोबस्त राणा के द्वारा किया जाता है। बच्चों ने अक्सर खराब चावल मिलने की शिकायत परिवार से की थी। इसके बाद पालकगण स्कूल पहुंचे थे।
आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि सोसायटी से मिले चावल को दूसरे को देकर रसोईये बदले में घटिया चावल लाकर बच्चों को खिलाते हैं। ग्रामीणों ने सहकारी समिति के सेल्समेन ताराचंद जायसवाल को भी वहां बुलाकर और चावल दिखाया पर उन्होंने उक्त चावल को सोसायटी का चावल होने से इनकार किया। ग्रामीणों का कहना है कि मध्यान्ह भोजन संचालनकर्ता सोसायटी से मिलने वाले अच्छे चावल को अन्य स्थान पर देकर बदले में स्कूल के लिए घटिया चावल लाकर बच्चों को खिलाते हैं।
इस संबंध में प्राथमिक शाला मोहदा के प्रधान पाठक कैलाश बंछोर से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि खराब चावल दिये जाने की शिकायत मिली थी। उक्त चावल को हटा दिया गया था। पुन: इस प्रकार के चावल दिये जाने की बात पर वे खामोश हैं। विद्यालय समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल निषाद सहित पंचगण राजू बंछोर, भूषणलाल राणा, बोधराम बंछोर, युवराज राणा आदि को बुलाकर उन्हें चावल दिखाया गया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एसडीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से करते हुए मध्यान्ह भोजन के संचालनकर्ता को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि लगातार इस प्रकार के भोजन से बच्चों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है।