महासमुन्द

भारतीयता की सहज अभिव्यक्ति है हिन्दी-आनंद
17-Sep-2024 7:58 PM
भारतीयता की सहज अभिव्यक्ति है हिन्दी-आनंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,17 सितंबर। हिन्दी दिवस के अवसर पर आस्था साहित्य समिति महासमुंद द्वारा हिन्दी की चुनौतियां पर साहित्यकार एस.चन्द्रसेन के आवास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर आस्था साहित्य समिति अध्यक्ष आनंद तिवारी पौराणिक ने कहा कि हिन्दी भारतीयता की सहज अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारी भाषाएंए हमारी सोच और संस्कृति को आकार देती है। निरूसंदेह समूची शिक्षा मातृभाषाओं के माध्यम से देना बेहतर हो सकती है। हिन्दी सहित अधिकांश भारतीय भाषाएं इस दृष्टि से पूर्ण सक्षम है।

साहित्यकार श्रीमती एस. चन्द्रसेन ने कहा कि विदेशी भाषा में शिक्षा देश के वैचारिक व संवेदनात्मक संहार का भयानक साधन ही है। डा. साधना कसार व सरिता तिवारी ने कहा कि विश्व पटल पर हिन्दी उत्तरोत्तर विकास कर रही है। हमारे धार्मिक ग्रंथ भी वहां पढ़ाये जाते हैं । इस अवसर पर सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने कहा कि हिन्दी भाषा की उन्नति करनी है तो पाठशालाओं व जन सामान्य में इसके लिये रुचि पैदा करना जरुरी है।

साहित्य प्रेमी व शिक्षाविद् के आर चंद्राकर विचार रखते हुये कहा कि हिन्दी की प्रमुख चुनौती पाश्चात्य संस्कृति है। हमारे भारतीय संस्कृति व संस्कार के अनुरूप व्यवहार करना चाहिये। साहित्यकार टेकराम सेन चमक ने कहा कि हिन्दी विश्व पटल पर हमें पहचान दिलाया है।


अन्य पोस्ट