महासमुन्द

आत्मानंद उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 जनवरी। आत्मानंद उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिंदी महासमुंद में समाज कल्याण विभाग, पुलिस विभाग एवं शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान के संयुक्त तत्ववधान में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय के बच्चों में नशा आदि बुराई से मुक्ति दिलाने एवं सामाजिक परिवेश में नशीले पदार्थों से दूर रहने के मुद्दे की ओर जागरूकता और समाज को बढ़ाना है। इस नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में मनोज कुमार साहू अध्यक्ष, उदय कुमार साहू सचिव, खेमचंद साहू काउंसलर नशा मुक्ति केंद्र महासमुंद, समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक संगीता सिंह, अमित कुमार सक्सेना ने बच्चों को संबोधित किया।
समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक संगीता सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नशा समाज के लिए एक अभिश्राप है। इससे कई घर परिवार तबाह हो चुका है। इसलिए सभी बच्चे नशा से दूर रहें और अपना मन पढ़ाई में केंद्रित करअपने लक्ष्य को प्राप्त करें। नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम के संदर्भ में अपने विचार रखते हुए खेमचंद साहू ने बताया कि हमारे नशा मुक्ति केंद्र महासमुंद में नशा पीडि़त व्यक्तियों का इलाज प्राकृतिक एवं अध्यात्मिक प्रक्रिया के तहत काउंसलिंग एवं साइकोलॉजी कक्षाओं में बिना भेदभाव किया जाता है। नशा पीडि़त व्यक्ति को नि:शुल्क उपचार की सुविधा के साथ मनोवैज्ञानिक तरीकों से योगाभ्यास, मैडिटेशन एवं व्यायाम आदि तरीकों से इलाज किया जाता है।
शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान के अध्यक्ष मनोज कुमार साहू ने बताया कि नशा करने वाला व्यक्ति का पतन होना निश्चित है। क्योंकि नशा नास के जड़ होती है हमे हमारे सभ्य समाज की स्थापना करने के लिए नशा मुक्त समाज की आवश्यकता है। नशा से व्यक्तियों को बहुत सारे शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, परिवारिक एवंआर्थिक तकलीफ ों से गुजरना पड़ता है। नशा से शान नहीं बल्कि नास एवं नुकसान ही होता है। नशा के रोकथाम के लिए समाज में नशा मुक्ति जागरुकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है। अमीरी और गरीबी को परिभाषित करने के साथ स्वास्थ्य के समस्याओं जैसे लिवर किडनी फेफड़ों का डैमेज होना, फोकस एवं कंस्ट्रक्शन क्लास, माइंड डिसऑर्डर एवं डिप्रेशन साइकोलॉजिस्ट यानी भ्रम की बीमारी, पैनिक अटैक का होना, दुर्घटना, आत्महत्या जैसे खतरे आदि विषयों पर उन्होंने प्रकाश डाला।
इस दौरान बच्चों को साइबर क्राइम, बाल अपराध, समाज में हो रही अपराध का जिक्र करते हुए पास्को एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चों को यातायात नियमों के तहत नाबालिग छात्र छात्राओं को वाहन ना चलाने की बात कही गई। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं ने इस प्रकार के कार्यक्रम की आवश्यकताओं पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन तथा आभार उपप्राचार्य श्री चंद्राकर ने किया। इस कार्यक्रम में प्रबंंधक आशियाना वृद्धा आश्रम महासमुंद आशा साहू, सुनीता शर्मा, भारती चंद्राकर प्रबंधक नशा मुक्ति केंद्र महासमुंद, मनीषा बिसेन, शिक्षक साथी आत्मानंद उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुंद का योगदान रहा।