महासमुन्द

69 बरस के सेवानिवृत्त शिक्षक का नवाचार
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद, 20 दिसंबर। महासमुंद जिले के सेवानिवृत्त शिक्षक देवचंद्र नायक ने सामाजिक परिवर्तन के लिए मृत्यु पूर्व भोज का नवाचार किया है। देवचंद्र नायक की 69 वर्ष आयु पूरी हो चुकी है। बसना ब्लाक के पिरदा निवासी नायक मानवीय शिक्षा शोध केंद्र से जुड़े हैं।
केंद्र तेंदूवाही के संचालक शिक्षक गेंदलाल कोकडिय़ा बताते हैं कि देवचंद्र नायक का बचपन गांव में बीता। मध्यम वर्गीय परिवार में वे पैदा हुए। माता-पिता अशिक्षित थे। इसके बावजूद उन्होंने देवचंद्र को खूब पढ़ाया। वे शिक्षक बनकर नई पीढ़ी को ज्ञान दिया।
उन्होंने अपने जीवन यात्रा में अब तक आठ लड़कियों का विवाह अपनी जिम्मेदारी से करवाया। इनमें उनकी भी तीन बेटियां हैं। तीनों ने स्नातक, स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की है। उन्होंने दो करोड़ रुपये से अधिक कीमती भूमि दान कर गायत्री मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। भूमिदान, औषधि उद्यान, सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य समाजिक जीवन में किया है।
अब वे मृत्यु पूर्व सार्थक जीवन मंथन और जीवन यात्रा की समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए दो दिवसीय आयोजन और मृत्यु पूर्व मृत्यु भोज का आयोजन कर रहे हैं। जब देवचंद्र देह त्याग कर जीवन यात्रा संपन्न करेंगे, तब भोज का आयोजन नहीं होगा। आगामी 24 और 25 दिसंबर को सरस्वती शिशु मंदिर पिरदा में मृत्यु पूर्व सार्थक जीवन मंथन और भोज कार्यक्रम आयोजित किया गया है। गायत्री परिवार पिरदा संस्थान के मार्गदर्शन में इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थलों से मानव समाज के लोग एकत्र होंगे। स्वजनों के अलावा कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति सहभागी हो सकता है, जिन्हें आयोजन को लेकर उत्सुकता हो।