महासमुन्द

जल्द ही खरीदी केंद्र खोलकर किसानों का धान खरीदा जाएगा
केंद्र का कोड विलोपित किए जाने से नाराज थे 4 गांवों के किसान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 दिसंबर। नरसैय्यापल्लम में फिर से धान खरीदी शुरू करने की मांग आखिरकार सरकार ने मान ली। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद पिछले 12 दिनों से जारी किसानों का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। शनिवार को नरसैय्यापल्लम केंद्र में ही धान खरीदी शुरू करने के संबंध में आदेश जारी हुआ। इसी के साथ एक नए खरीदी केंद्र की सौगात भी किसानों को मिली। इसी सत्र से पिथौरा ब्लॉक के ग्राम बिजेमाल में भी नया खरीदी केंद्र खुलेगा।
नरसैय्यापल्लम के योगेन्द्र प्रधान ने बताया कि क्षेत्र के चार गांवों के किसान पिछले 10 सालों से नरसैय्यापल्लम उपार्जन केंद्र में धान बेच रहे थे। इस सत्र में नरसैय्यापल्लम उपार्जन केंद्र का कोड विलोपित कर दिया गया था। इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और निर्णय लिया कि चार गांवों के किसान यदि धान बेचेंगे तो नरसैय्यापल्लम में ही, वरना किसी भी केंद्र में नहीं बेचेंगे। इसी मांग को लेकर किसानों ने 1 दिसंबर से प्रदर्शन शुरू किया और बिलाईगढ़ मार्ग में धरने पर बैठे थे।
इसी तरह बिजेमाल में नया उपार्जन केंद्र खुलने से चार गांव के किसानों को अब 12 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर धान बेचने के लिए नहीं जाना पड़ेगा। किसानों का परिवहन में भी कम खर्च लगेगा। प्रशासन जल्द ही इन उपार्जन केंद्रों को खोलेगी और यहां धान खरीदी शुरू कराएगी।
जिला खाद्य अधिकारी नीतिश त्रिवेदी ने बताया कि शासन से आदेश आ गया है। इन दोनों ही उपार्जन केंद्र को खोलने के लिए आज सोमवार से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जल्द ही खरीदी केंद्र खोलकर किसानों का धान खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी खरीदी के लिए भरपूर समय है। समय रहते इन किसानों का भी धान खरीद लिया जाएगा।
मालूम हो कि बीते 12 दिनों में किसानों ने एक भी दाना धान नहीं बेचा। नरसैय्यापल्लम उपार्जन केंद्र को विलोपित कर इस साल बम्हनी उपार्जन केंद्र में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू की गई है। बम्हनी केंद्र में शामिल गांव के किसानों ने अपना धान बेचने का काम शुरू कर दिया, लेकिन नरसैय्यापल्लम, परधिया, सरायपाली, आरंगी व ठेलकोदादर के किसान वहां धान नहीं बेचने के फैसले पर अड़ गए। खरीदी के इन 12 दिनों में इन गांवों के किसानों ने एक भी दाना धान नहीं बेचा। इन चार गांवों में कुल 320 किसान हैं, जो हर साल 32 हजार क्विंटल धान बेचते हैं।
इस तरह जिले में उपार्जन केंद्र की संख्या अब बढक़र 151 हो गई है। जिले में अभी तक 149 उपार्जन केंद्र के माध्यम से धान की खरीदी हो रही थी। एक बार फिर से दो उपार्जन केंद्र खोलने की अनुमति शासन ने जारी कर दी है। इन उपार्जन केंद्रों के जरिए जिले के 1 लाख 50 हजार किसानों के धान की खरीदी होगी।