महासमुन्द

नेशनल लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन व राजस्व न्यायालयों के 36,194 प्रकरणों में हुई सुनवाई
12-Dec-2021 4:48 PM
नेशनल लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन व राजस्व न्यायालयों के 36,194 प्रकरणों में हुई सुनवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 दिसंबर।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसके लिए जिला न्यायालय महासमुंद समेत, तहसील पिथौरा, सरायपाली स्थित सिविल न्यायालयों में कुल 13 खंडपीठ का गठन किया गया था। जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्री-लिटिगेशन एवं राजस्व न्यायालयों के कुल 36,194 प्रकरणों में सुनवाई की गई। इनमें से 29176 मामलों का निपटारा सुलह-समझौता के माध्यम से कराया गया।

वहीं न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलों, मोटर दुर्घटना दावा आदि के कुल 1,186 मामलों में सुनवाई के बाद सुलह एवं समझौता के आधार पर 633 मामलों का निराकरण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के इन खंडपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले सुनवाई को रखे गए थे। जिले में विद्युत विभाग, नगरीय निकाय और बीएसएनएल के विभिन्न लंबित बकाया मामलों को लेकर भी स्टॉल लगा था, लेकिन यहां सेटलमेंट के लिए बहुत ही कम लोग पहुंचे।

नगरपालिका को 274 लोगों से करीब 82 लाख 82 हजार रुपए की वसूली करनी है। इस सूची में 15 साल पूर्व से लेकर चालू साल के बकायादारों का नाम शामिल है। जलकर, संपत्तिकर व बाजार किराया की वसूली पालिका को करनी है। लोक अदालत में पालिका ने सूची तैयार कर 274 लोगों को जिला परिसर में लगे राष्ट्रीय लोक अदालत में सेटलमेंट करने का नोटिस थमाया था। इसमें से सिर्फ 24 लोगों ने आकर सेटलमेंट कर राशि का भुगतान किया है, जिनसे 87 हजार 524 रुपए की वसूली हुई।

महासमुंद जोन में बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले 445 लोगों की सूची बनाई थी। शनिवार को आयोजित लोक अदालत में केवल 62 उपभोक्ताओं को छोडक़र शेष उपभोक्ता भुगतान के लिए नहीं पहुंचे। कर्मचारियों ने बताया कि इन लोगों से 66 लाख 81 हजार रुपए की वूसली करनी थी। नोटिस के तहत 66 लोगों ने 5 लाख 55 हजार रुपए एटीपीपी मशीन व बिजली विभाग के दफ्तर में जाकर बिल का भुगतान कर सेटलमेंट किया है।

भारतीय दूर संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को जिले में करीब 3 हजार उपभोक्ताओं से 10 लाख रुपए तक की वसूली करनी है। महासमुंद ब्लॉक में ही करीब 66 लोगों से 4 लाख 31 हजार 527 रुपए की वसूली करनी है। इन उपभोक्ताओं ने पिछले तीन-चार साल से बिल का भुगतान नहीं किया है। लोक अदालत में आकर सेटलमेंट करने के लिए भी नोटिस भेजा गया था। केवल एक ही व्यक्ति ने ऑफिस में जाकर 3000 हजार रुपए का भुगतान किया।

न्यायालयों में प्री-लिटिगेशन एवं राजस्व न्यायालयों के कुल 36,194 प्रकरणों में सुनवाई पश्चात सुलह व समझौता के आधार पर कुल 29,176 प्रकरणों का और न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलों, मोटर दुर्घटना दावा आदि के कुल 1,186 मामलों में सुनवाई पश्चात सुलह एवं समझौता के आधार पर 633 मामलों का निराकरण किया गया। इन मामलों में करीब 51 करोड़ 35 लाख 47 हजार 920 रुपए की राशि के अवॉर्ड पारित किए गए।

उक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहम्मद जहांगीर तिगाला ने दी। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश भीष्म प्रसाद पांण्डेय के मार्गदर्शन व नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इस दौरान मोटरयान दावा के कुल 42 प्रकरणों में 4 करोड़ 52 लाख 60 हजार रुपए का अवॉर्ड पारित किया गया।

इससे दुर्घटना में मृत व घायल व्यक्तियों और उनके परिवारजनों को काफी राहत मिली।
 


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