महासमुन्द

मापदंड अनुसार स्टेकिंग नहीं, कलेक्टर नाराज
12-Dec-2021 4:21 PM
मापदंड अनुसार स्टेकिंग नहीं, कलेक्टर नाराज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 दिसंबर।
जिलें में किसानों से धान उपार्जन किये जाने का कार्य दू्रत गति से चल रहा है किसान धान का विक्रय सुगमता पूर्वक उपार्जन केंद्रों में कर रहे है।  अधिकारियों ने बताया कि जिले में तक 35630 किसानों से 11 लाख 74 हजार क्विंटल का धान उपार्जन किया जा चुका है जिसकी राशि 227 करोड का भुगतान भी किसानों को आनलाईन माध्यम से किया जा चुका है। जिले के कुल सभी उपार्जन केंद्रों में से 121 उपार्जन केंद्रों का भौतिक सत्यापन आनलाइन एप्प के माध्यम से आज की तारीख तक कर लिया गया है।

कलेक्टर ने शनिवार दोपहर जिले के दो उपार्जन केंद्रो झालखम्हरिया और सिर्रीपठारीमुडा का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने धान के सुरक्षित रखरखाव एवं उठाव के निर्देश दिए। कलेक्टर पहले उपार्जन केंद्र झालखम्हरिया गए वहां उन्होंने उपार्जित धान के स्टेकिंग प्लान की जानकारी ली गई उपार्जन केंद्र के नये पुराने बारदाने की स्टेकिंग निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं होने के कारण गहरी नाराजगी व्यक्त की गई और तत्काल स्टेकिंग प्लान को सही करते हुये  प्रत्येक स्टेक में धान का प्रकार बारदाना का प्रकार और स्टेक की मात्रा का बोर्ड लगाये जाने हेतु निर्देशित किया।

पश्चात बागबाहरा ब्लॉक के सिर्रीपठारीमुडा उपार्जन केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। यहां पर भी स्टेक प्लान सही नहीं होना पाया गया जिसके लिये उन्होंने ने जिला सहकारी बैंक केद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी से नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल जिले के समस्त उपार्जन केंद्रो में स्टेक प्लान कर धान नया पुराना बारदाना अनुसार तत्काल स्टेकिंग करने कहा।
उपार्जन केंद्र सिर्रीपठारीमुडा में उपार्जन केंद्र स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन नहीं किये जाने पर तत्काल मौके पर उपस्थित होकर भौतिक सत्यापन करने हेतु  दूरभाष पर निर्देशित किया। कलेक्टर श्री सिंह ने द्वारा प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को धान उपार्जन केंद्र का भौतिक सत्यापन अनिवार्यत: शासन के दिशा-निर्देश अनुरूप किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।

कलेक्टर ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में अवैध धान परिवहन और संग्रहण पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इस तरह के मामला संज्ञान में आने पर संबंधित तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को तत्काल जानकारी देंवे। साथ ही आवश्यकता पडऩे पर मुझे भी अवगत करा सकते हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में अतिरिक्त निगरानी करने की आवश्यकता है।

उन्होंने ने धान खरीदी केंद्र में किसानों की पंजीयन संख्या, धान के रकबे की जानकारी, बारदाने की उपलब्धता, कांटा-बांट के सत्यापन के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि धान खरीदी का काम ईमानदारीपूर्वक करना है। खरीदी के बाद ड्रेनेज बनाकर धान को व्यवस्थित रखा जाए। उन्होंने अन्य राज्यों और कोचियों द्वारा लाए जाने वाले धान पर निगरानी रखने और कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि बाहर से धान खपाने की जानकारी मिलती है, तो उसे जब्त करने की कार्रवाई की जाए।

उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि आप गलियारों, कार्यालयों में जाए तो पान के दाग-धब्बे, कूड़ा-कबाड़ा और झूठे डिस्पोजल गिलास नजर आए तो संबंधित को सफाई के लिए कहे। साफ-सफाई के नाम पर बंद कमरों में कूड़ा भरा है, तो उसका नियमानुसार निराकरण करें। कार्यालय के शौचालयों भी साफ-सुथरें रहे। उन्होंने बिजली के बेवजह इस्तेमाल और गंदगी को लेकर हकीकत का भी अवलोकन किया।  

मालूम हो कि कलेक्टर डोमन सिंह ने जनवरी में पद संभालते ही अधिकारियों की ली गई, पहली बैठक में दफ्तरों में स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी थी। माह के दूसरे और तीसरे शनिवार को कार्यालयों की विशेष साफ-सफाई के निर्देश दिए थे। काफी हद तक जिले के सरकारी कार्यालय स्वच्छता की ओर बढ़ गए। समस्त कार्यालयों, रेस्ट हाउस, विशेष रुप से चिकित्सालय में सवेरे सफाई अभियान कार्यालय के भीतर एवं परिसर में कराया गया। अधिकारी स्वयं उपस्थित रहकर अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी को प्रोत्साहित किया एवं स्वच्छता अभियान भी चलाया।
 


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