महासमुन्द

रसोइयों के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ भी मांगों को ले राजधानी में हड़ताल पर
11-Dec-2021 6:24 PM
रसोइयों के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ भी मांगों को ले राजधानी में हड़ताल पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 दिसंबर।
रसोइया संघ के बाद अब छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ भी अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी में हड़ताल पर हैं। जिससे जिले में मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी में बच्चों को मिलने वाले पोषक आहार अब बच्चों को कुछ दिनों तक नहीं मिल पाएगा।

जिला शिक्षाधिकारी इस मामले में कहते हैं कि जिले में गुरूवार को कुल 1808 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में से 1733 विद्यालयों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मध्यान्ह भोजन तैयार कर बच्चों को खिलाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय के अनुसार रसोइया संघ का हड़ताल पूर्व में की गई घोषणा के अनुरूप 300 रुपए के बढ़े राशि को एरियर्स के रूप में देने के लिए किया जा रहा है। वर्तमान में जिले के सभी रसोइयों को नवंबर 2021 का मानदेय बढ़े हुए दर 1500 की दर से भुगतान किया गया है। शेष लंबित माह का भुगतान प्रक्रियाधीन है, शीघ्र ही भुगतान किया जाएगा।

गौरतलब है कि जिले के 1808 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के माध्यम से बच्चों को पोषक आहार प्रदान किया जाता है। इन स्कूलों के माध्यम से 1 लाख 21 हजार बच्चे भोजन करते हैं। जानकारी मिली है कि महासमुंद से पैदल राजधारी के निकली रैली शुक्रवार को रायपुर पहुंचे हैं। रसोइया संघ ने बुधवार को महासमुंद से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। वे इस वक्त बूढ़ातालाब सप्रे शाला में हैं।

कल से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर छग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ भी 16 दिसंबर तक हड़ताल में चले गए हैं। संघ की जिलाध्यक्ष द्रोपती साहू के मुताबिक इसमें जिले की 500 कार्यकर्ता व सहायिका शामिल हैं। हमारी मांग है कि शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर जीवन जीने के लायक वेतन 10 हजार रुपए दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाए, सुपरवाइजर के रिक्त पदों पर वरिष्ठता क्रम में कार्यकर्ताओं की जल्द भर्ती कर कार्यकर्ता के रिक्त पद को सहायिकाओं से भरा जाए, 25 फीसदी के बंधन को समाप्त किया जाए, मासिक पेंशन, ग्रेज्युटी, समूह बीमा का लाभ दे, मोबाइल, इंटरनेट चार्ज का भत्ता प्रदान करने जैसी मांगें शामिल हैं।  
 


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