महासमुन्द

अधिकार वंचित आदिवासी संघर्ष समिति का 16 दिल्ली में प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 दिसंबर। शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता आयोजित कर छत्तीसगढ़ सवरा समाज के पदाधिकारी संरक्षक जयदेव भोई, जिलाध्यक्ष सुरेश मलिक, कोषाध्यक्ष युवराज रावल, युवा प्रभाग के अध्यक्ष रमाकांत भोई, सचिव चिंतामणी भोई ने कहा कि अधिकार वंचित आदिवासी संघर्ष समिति के बैनर तले 16 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन की जाएगी।
उन्होंने बताया कि छग में अधिसूचित 42 अनुसूचित जनजातियों में से 12 अनुसूचित जनजातियों सवरा, भूमिया, धनवार, नगेशिया, उरांव, धांगड़, पंडो, गोंड़, बिंझिया, कोड़ाकू, कोंध, गदबा, भारिया को महज मात्रा में त्रुटि के कारण आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया है।
इनका कहना है कि मात्रा में त्रुटि सुधार की मांग पिछले 20 सालों से जाारी है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी ने सर्वे कर फाइल केन्द्र को भेज दी है। वहां इसका अनुमोदन हो गया है लेकिन सदन में नहीं रखने के कारण इसका प्रस्ताव पारित नहीं हो सका है। लिहाजा छत्तीसगढ़ के 12 जनजातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए प्रदेश के ऐसे जनजाति के लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं। छग के 12 जनजाति वर्ग के लोग पिछले 18 वर्ष से इस लंबित मांग को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के बावजूद अब तक निराकरण नहीं हो पाया है। यही कारण है कि दिल्ली में जाकर इसकी मांग की जाएगी।
इनका कहना है कि इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगामी दिनों में रेल रोको आंदोलन होगा। अब आदिवासी समाज उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहा है। इसकी शुरुआत 16 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करते हुए की जाएगी।