महासमुन्द

निराश्रित-पेंशन की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर जुटे हजारों बुजुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 दिसंबर। महासमुंद के आदर्श हाई स्कूल से बुजुर्गों ने पेंशन की राशि 15 सौ रुपए महीने करने की मांग पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद किया है। यह आयोजन भाजपा के बैनर तले था, लेकिन मात्र शहर से इतनी तादात में बुजुर्गों का एक साथ किसी ंमंच पर आने की चर्चा आज तीसरे दिन भी जारी है। इसकी चर्चा नहीं हो रही है कि बुजुर्ग खुद से यहां पहुंचे अथवा उन्हें यहां तक लाया गया, बल्कि उनकी झुकी हुई कमर, जीर्ण काया, पैरों में टूटी हुई चप्पलों की पदचाप अभी तक गूंज रहे हैं।
यह आंदोलन भाजपा नेता डॉ. विमल चोपड़ा द्वारा किया गया। इस वादा निभाओ सभा-रैली में भाजपाइयों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सभा समाप्ति के बाद निराश्रित पेंशन की राशि 1000 व 1500 रुपए बढ़ाने व उन्हें तीन सालों का 36000 पेंशन राशि एक मुश्त प्रदान करने के लिए राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को प्रदर्शन स्थल में ही ज्ञापन सौंपा। लेकिन इस राजनीतिक कोलाहल में हिस्सा लेने वाले तमाम ऐसे लोग थे, जिनकी बूढ़ी-थकी हुई आंखें शून्य में टिकी हुई और मौन थी। बिखरे हुए सफेद बालों वाले इन निराश्रितों को अपने अंतहीन दर्द और त्रासद स्थितियों से मुक्ति चाहिए था। इनके जीवन यापन के लिए पर्याप्त राशि की मांग डॉ. चोपड़ा पहली बार नहीं कर रहे हैं, बल्कि पिछले चार सालों से वे प्रयासरत हैं। छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है, जब पांच हजार बुजुर्गों ने सरकार से अपने जीवन यापन की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
शनिवार की दोपहर सांसद चुन्नीलाल साहू, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, विधायक शिवरतन शर्मा, जगन्नाथ पाणीग्रही, पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, जिलाध्यक्ष रूप कुमारी चौधरी व भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक, प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया, पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा सहित अन्य नेता इन बुजुर्गों के लिए राज्य सरकार से पंद्रह सौ रुपए निराश्रित पेंशन की मांग के लिए जुटे थे। इनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषण पत्र में निराश्रित पेंशन 1000 व 1500 रुपए देने घोषणा की थी।
सरला कोसरिया ने इस मामले में ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि अकेले महासमुंद शहर से पांच हजार बुजुर्ग निराश्रितों का पेंशन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर एक होना किसी भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इस त्रासद और दु:भरी जिंदगी से बुजुर्गों को मुक्ति चाहिए। वृद्ध समाज उपेक्षित है। इससे छुटकारा पाने के लिए एक ठोस प्रयास की जरूरत है।
भाजपा जिलाध्यक्ष रूप कुमारी चौधरी का कहना है कि ये किसी से मांग नहीं रही हैं, जबकि सरकार ने खुद ही इनसे वोट लिया था पेंशन बढ़ाने का लालच देकर।
डॉ. विमल चोपड़ा कहते हैं, मैं राजनीति तो करता हूं लेकिन यह साफ दिखता है कि मैं इनके तकलीफ में काफी समय से शामिल हूं। बुढ़ापे को एक नई दृष्टि से देखने की जरूरत है। ऐसी दृष्टि जिसमें संवेदना हो, जीवन देने की आंकांक्षा हो। तिरस्कृत, अभावग्रस्त, निर्वासित और निराश्रितों के लिए सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिज्ञों को सोचना होगा क्योंकि प्रिवार इनके लिए खत्म हो चुका है। समाज के इस हताश वर्ग को जीवन के अंतिम दिनों में ढांढस बंधाई जाए।
सासंद चुन्नीलाल का कहना है-देह से लेकर आयु तक क्षीण हो चुकी जीवन को आर्थिक सहायता की दरकार है। ताकि वे अपनी जरूरतों के मुताबिक खर्च कर सकें। हमारी सरकार, हमारे युवा, हमारी आबादी पतन के इस गलत प्रवाह को रोकें।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस को अपना वादा पूरी करना चाहिए। वरना इनकी आह उस सरकार को दुबारा सरकार में आने का मौका नहीं देगी।