महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अक्टूबर। बुधवार को सर्व पितृ अमावस्या पर सभी पितरों की विदाई हुई। सुबह से लोग अपने पूर्वजों को पिंडदान व पानी देकर विदाई दी। इस साल 20 साल बाद सर्व पितृ का समापन अमावस्या पर हो रहा है। पितृ पक्ष के समापन के बाद दूसरे दिन से माता की अराधना नवरात्र शुरू होगी। सात अक्टूबर से नवरात्र प्रारंभ होगा। इस बार नवरात्र आठ दिन का होगा। इस साल पितृ पक्ष में एक दिन की वृद्धि हुई है। लिहाजा नवरात्र में इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ रही है।
महामाया मंदिर के पुजारी पंकज तिवारी के मुताबिक इस बार चंद्रघंटा माता और कुमांडा माता की अराधना एक साथ होगी। दशहरा पर्व 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यानी आठ दिनों तक शहर व गांवों में भक्ति का माहौल रहेगा। ज्योतिशषों के अनुसार नवरात्र में खरीदारी सहित सभी कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं। लेकिन इस बार ग्रह नक्षत्रों के मेल से बन रहे कई शुभ संयोग इसे और अधिक पुण्यदायी बना रहे हैं। नवरात्र में चार दिनों तक रवि योग का संयोग रहेगा। अच्छे कार्यों के लिए यह योग काफी शुभ माना जाता है। गुरूवार को नवरात्रि आरंभ होने के कारण इस बार माता डोली में आ रही है, लेकिन मां जगदंबा का प्रस्थान भैंसा पर हो रहा है।
नगर पंडित हेमंत द्विवेदी भी यही कहते हैं कि शारदेय नवरात्रि इस साल गुरूवार से आरंभ होकर गुरूवार को ही पूर्ण होगी। एक तिथि क्षय से इस बार नवरात्रि आठ दिन की रहेगी। इसके कारण इस बार गुरू का विशेष योग बन रहा है। ऐसा संयोग सालों में एक बार बनता है। गुरूवार 7 अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पक्ष एकम से प्रारंभ होकर दुर्गा महानवमीं 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी। गुरु ज्ञान व बुद्धि के देवता होते हैं और उन्हें सभी देवाताओं का गुरू माना जाता है। इस साल गुरूवार को नवरात्रि का शुरू और समापन शुभ माना जा रहा है।
नवरात्र पर्व को लेकर मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। मनोकामना ज्योत प्रज्जवलन के लिए रसीद समिति के द्वारा काटी जा रही है। कोविड के कारण पिछले साल कम ज्योत प्रज्जवलित हुए थे, लेकिन इस बार अधिक संखया में ज्योत प्रज्जवलित होंगे। मंदिरों में इस साल भीड़भाड़ रहेगी। हालांकि कोविड गाइड लाइन के साथ ही तैयारियां शुरू कर दी गई है। मंदिरों में साफ सफाई की जा रही है। ज्योति प्रज्जवलन की भी तैयारियां हो रही है। कल 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से शाम 7 बजकर 7 मिनट तक है। इस समय घट स्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं। घट या कलश स्थापना के दौरान विशेष नियमों का ध्यान जरुर रखना चाहिए।
मंदिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मंदिर प्रांगण के भीतर नियत स्थान पर सभी ज्योत का प्रज्जवलन किया जााएगा। लेकिन ज्योति दर्शन के लिए दर्शनार्थियों व अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णत: वर्जित रहेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी समिति की होगी। इसके अलावा अन्य गाइडलाइन का पालन समितियों को करना होगा। यानी इस बार भी नवरात्र में कोविड गाइड लाइन का पालन होगा। आठ दिनों तक भक्ति का माहौल रहेगा, लेकिन गरबा व अन्य कार्यक्रम इस बार नहीं होंगे। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इस बार भी बंदिशें रखी गई है। इसके लिए कलेक्टर ने 1 अक्टूबर से गाइडलाइन जारी कर दिया है।