महासमुन्द

रजिंदर खनूजा
पिथौरा, 3 अक्टूबर (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। बंगाल के मूर्ति कलाकारों को अब स्थानीय मूर्ति कलाकारों ने पीछे छोड़ दिया है।
ज्ञात हो कि कोरोना काल के पूर्व तक बंगाल के मूर्ति निर्माता कलाकार ही क्षेत्र में अस्थायी डेरा डाल कर मूर्ति निर्माण किया करते थे।
नगर के मध्य स्थित अरविंद हार्डवेयर के सामने नगर से 20 किलोमीटर दूर विकासखण्ड के ग्राम डोंगझर निवासी ऐत राम साहू अपने आधा दर्जन साथियों के साथ कोई तीन दर्जन दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने में विगत 15 दिनों से जुटे है।मूर्तिकार ऐतराम ने बताया कि इस वर्ष उनकी मेहनत और मूर्ति की सुंदरता देखते हुए कोई 30 से अधिक मूर्तियों के ऑर्डर मीले है।जिन्हें पूरा करने उनकी टीम दिनरात जुटी हैं।
ऐतराम बताते है कि उन्हें इतनी अधिक दुर्गा प्रतिमा बनाने का आर्डर पहली बार मिला है।जिसके लिए वे और उनकी टीम दिनरात मेहनत कर रही है।
पैरा एवं मिट्टी का उपयोग
ऐतराम साहू ने बताया कि मूर्ति निर्माण में वे पैरा एवम काली मिट्टी का ही उपयोग करते है जो कि पानी मे आसानी से घुल सकते है।इस मूर्ति के विसर्जन के बाद भी पर्यावरण बिगडऩे का कोई खतरा नही रहता।श्री साहू ने बताया कि यदि सरकारी सहयोग मिले तो वे इस कार्य हेतु अनेक कलाकार बना सकते है।मिट्टी के अलावा वे सीमेंट की छोटी बड़ी मूर्तिया भी आसानी से बना लेते है।
11000 से 31000 की मूर्तियां
श्री साहू के अनुसार मूर्ति के साइज के अनुसार मूर्ति का मूल्य तय किया गया है इसमें न्यूनतम 11 हजार एवम अधिकतम 31 हजार रुपये प्रति मूर्ति की दर से ऑर्डर लिए गए है।
सरकारी आदेश बेअसर।
दूसरी ओर प्रतिदिन सरकारी तौर पर पर्व मनाने की अलग अलग गाइड लाइन जारी की जाती है परन्तु विगत दो वर्षों से सुने पड़े पर्वो को मनाने की ठान चुके लोग अब सरकारी कोविड 19 गाइड लाइन की परवाह किये बगैर ही नवरात्रि दुर्गा पूजा,दशहरा एवम दीपावली पर्व धूमधाम से मनाए जाने के मूड में दिखाई दे रहे है।लिहाजा आने वाले उक्त पर्वो में खासी भीड़ जुटने की संभावना है।