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दुनियाभर में पढ़ी जा सकेगी पद्मश्री फुलबासन की जीवनी
20-Jun-2020 5:19 PM
दुनियाभर में पढ़ी जा सकेगी पद्मश्री फुलबासन की जीवनी

हिन्दी और अंग्रेजी में किताबें ऑनलाइन बुक स्टोर किंडल पर

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जून।
सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री फुलबासन यादव की जीवनी हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हुई है। दो रुपए और दो मुठ्ठी चावल के नाम से हिन्दी में आई जीवनी के लेखक डॉ. अरविंद यादव हैं। फुलबासन की जीवनी के अंग्रेजी संस्करण का नाम 'फूलबासन यादव फियरलेस, फियरस, फिर्स, अन्फेज्ड' है। फिलहाल ये दोनों किताबें ऑनलाइन बुक स्टोर किंडल पर उपलब्ध है।

अंग्रेजी में जीवनी आने की वजह से फुलबासन यादव की कहानी को अब दुनिया में हर जगह पढ़ा जा सकेगा। कुछ दिनों बाद जीवनी पुस्तक रूप में भी उपलब्ध रहेगी। लेखक अरविंद यादव ने जीवनी की भूमिका में लिखा है, फूलबासन की कहानी से सीखने के लिए बहुत कुछ है। इस कहानी में भी सफलता के सूत्र हैं। यह कहानी प्रेरणा देती है विपरीत परिस्थितियों में हार न मानने के लिए। प्रेरणा देती है संघर्ष करने के लिए, चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए। यह कहानी साबित करती है कि संघर्ष से अभावों को दूर किया जा सकता है। गरीबी , बेरोजगारी जैसी समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है।

अरविंद यादव के अनुसार फूलबासन की कहानी में गरीबी का दंश, वंश को बढ़ाने के नाम पर बेटा और बेटी में किया जाने वाला भेदभाव है। इस कहानी में भूखे पेट की आग है। इस आग में भस्म होते अरमान हैं। पिसता और घिसता बचपन है। भूख मिटाने के लिए किया जाने वाला संघर्ष है। इस संघर्ष के दौरान अमीरों के हाथों गऱीबों का शोषण है। सरकारी व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार है। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की गरीबों के प्रति उदासीनता है। असामाजिक तत्वों की गुंडागर्दी है। हिंसा है, घरेलू हिंसा है, घर की चारदीवारी में थकती, हारती औरतों की जिंदगी है।

यह कहानी है एक अतिसाधारण महिला के क्रांतिकारी नायिका बनने की। गरीबी और शोषण का शिकार रही एक ग्रामीण महिला के शक्ति का प्रतीक बनने की। लाखों लोगों के जीवन में खुशियां और खुशहाली लाने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता की।


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