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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 19 जून। छत्तीसगढ़ में इस पखवाड़े मारे गए आधा दर्जन हाथियों को लेकर केन्द्र सरकार भी फिक्रमंद है, और कई बार राज्य के वन विभाग से जानकारी ले चुकी है। राज्य का वन विभाग लगातार केन्द्र से मांग कर रहा है कि वहां से विशेषज्ञ भेजे जाएं जो यहां हालात देखकर राज्य को सलाह दे सकें। अभी तक कोरोना के चलते कोई विशेषज्ञ यहां नहीं आए थे, अब इतवार को राष्ट्रीय एलीफेंट प्रोजेक्ट के दो विशेषज्ञ दो दिन के दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं।
इस बीच कल रायगढ़ जिले में बिजली के करंट से मारे गए एक हाथी के बारे में इस बात की पुष्टि हो गई है कि वह गणेश ही है जिसका नाम 19 इंसानों की मौत के साथ जुड़ा हुआ है। वन उच्चाधिकारियों ने बताया कि गणेश की कई तरह की पहचान से इस मृत हाथी के शव का मिलान कर लिया गया है, और यह गणेश ही है।
इस हाथी की मौत के पीछे कटहल के पेड़ पर बिजली का बल्ब लगाने के लिए लगाया गया तार जिम्मेदार पाया गया है। एक किसान ने कटहल के फलों को चोरी से बचाने के लिए पेड़ पर बिजली का बल्ब लगा दिया था। ऐसा समझा जाता है कि गणेश नामक यह हाथी कटहल खाने के लिए वहां पहुंचा, और कटहल तोड़ते हुए वह बिजली के तार के संपर्क में आया और झटका खाकर जब गिरा, तो टूटा हुआ तार उसी के नीचे दब गया। इस तरह बाद में और करंट लगने से उसकी मौत होने का अंदाज है।
कोरबा जिले में जिस हाथी का इलाज चल रहा था उसे 30 लीटर ग्लूकोज चढ़ाने के बाद अब ग्लूकोज बंद कर दिया गया है क्योंकि वह खाने-पीने लगा है। अभी वह उसी गांव में है जहां पर वह गिरा था।
फिलहाल वन विभाग सभी हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उनकी विसरा रिपोर्ट के साथ प्रोजेक्ट एलीफेंट के विशेषज्ञों का इंतजार कर रहा है।
वन विभाग के पीसीसीएफ (वन्य जीवन) अतुल शुक्ला से जब यह पूछा गया कि क्या हाथियों के बीच किसी तरह की कोई वायरल बीमारी फैली हुई हो सकती है, तो उनका कहना था कि होने को तो कुछ भी हो सकता है, लेकिन ऐसा लगता नहीं है। विशेषज्ञों के आने से वजह समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरे प्रदेश में हाथियों के इलाकों में वन अधिकारियों को सतर्क किया गया है कि अवैध बिजली कनेक्शनों को देखें, और यह भी देखें कि कोई हाथियों को जहर तो नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों को कॉलर लगाना बड़ा खतरनाक और मुश्किल काम होता है, लेकिन वह कोशिश भी की जा रही है ताकि हाथी दल की आवाजाही नजर में रहे, और इंसानों और हाथियों सबकी सुरक्षा के लिए सावधानी रखी जा सके।