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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 18 जून। राजनांदगांव के इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारी हितेश अग्रवाल ने कांकेर पुलिस के सामने कई राज का खुलासा किया है। नक्सलियों के साथ रिश्ता रखने की बात को कबूल करते माना कि कारोबार की आड़ में दो साल से वॉकी-टॉकी की लगातार सप्लाई कर रहा था।
आज मीडिया को जानकारी देते कांकेर पुलिस ने बताया कि राजनांदगांव के कामठी लाईन के हितेश अग्रवाल को पूर्व में गिरफ्तार किए गए लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत जैन ने अपने कर्मचारियों ने वॉकी-टॉकी का ठेका दिलाया। इसके बाद हितेश अग्रवाल ने दिल्ली से वॉकी-टॉकी की खरीददारी कर नक्सलियों तक पहुंचाने लगा। बीते दो साल के भीतर आरोपी युवक ने 25 वॉकी-टॉकी सप्लाई करते हुए नक्सलियों का बड़ा शहरी नेटवर्क का हिस्सा बन गया।
पुलिस ने हितेश अग्रवाल के राजधानी रायपुर के बालाजी सिक्योरिटी इंटरप्राइजेज में दबिश देकर कुछ संदिध सामान जब्त किया है। हितेश अग्रवाल की गिरफ्तारी नक्सल कनेक्शन के मामले में 12वीं है। ज्यादातर आरोपी राजनांदगांव से गिरफ्तार हुए हैं।
इधर राजनांदगांव शहर से सपड़ाए आरोपियों से यह साफ हो गया है कि नक्सलियों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरी कारोबारियों को अपना सशक्त जरिया बनाया। बताया जाता है कि शहरी कारोबारी कमाई के फेर में नक्सलियों की जरूरतों का बखूबी ख्याल रख रहे थे। कांकेर पुलिस को लैडमार्क कंपनी के मालिक वरूण जैन की सरगर्मी से तलाश है। बताया जाता है कि जैन कई हार्डकोर नक्सलियों के संपर्क में भी था। कारोबार करने के लिए जैन ने कई तरह से नक्सलियों की मदद की है। चर्चा है कि नक्सलियों के इशारे पर ही जैन को बीहड़ इलाकों में धड़ल्ले से बिना स्पर्धा के निर्माण कार्य करने की कथित छूट मिली थी।