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मरवाही सिंचाई का बोधघाट में विलय का विरोध, राज्यपाल को ज्ञापन
17-Jun-2020 5:50 PM
 मरवाही सिंचाई का बोधघाट में विलय का विरोध, राज्यपाल को ज्ञापन

बिलासपुर, 17 जून। जल संसाधन विभाग मरवाही के कार्यालय को बस्तर की बोधघाट परियोजना में स्थानांतरित करने के निर्णय का छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) तथा क्षेत्र के ग्रामीणों ने विरोध करते हुए राज्यपाल से इस फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि इस दफ्तर के कारण क्षेत्र में नहरों का जाल बिछा और सिंचाई का प्रतिशत सात से बढ़कर 30 प्रतिशत हो पाया। मरवाही क्षेत्र में लाई गई पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी की किसी भी योजना को बंद या स्थानांतरित करना जन-भावनाओं के खिलाफ होगा। 

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के जिला अध्यक्ष शिव नारायण तिवारी के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा गया कि  वर्ष 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जल संसाधन संभाग मरवाही की स्थापना की थी। जोगी ने सिंचाई रकबा बढ़ाने और कार्य जल्द पूर्ण कराने के लिए तत्काल निर्णय लेते हुए कई सिंचाई परियोजनाओं को उस दौरान मंजूरी थी और उन्हें त्वरित गति से पूर्ण करने के लिए नए जल संसाधन संभाग मरवाही की भी स्थापना अलग से कर दी थी जो जल संसाधन संभाग मरवाही आज भी कार्यरत है। 

नये जल संसाधन संभाग के बनने के बाद क्षेत्र में बांध, एनीकट, डायवर्सन, स्टापडेम बड़ी संख्या में बने और क्षेत्र में नहरों का जाल बिछा है। विभाग का कार्यालय बंद होने से इन सभी योजनाओं पर भी  क्रियान्वयन पर बाधा आएगी। जोगी के निधन के बाद यह क्षेत्र प्रतिनिधित्व विहीन हो गया है। वे कहा करते थे कि मैं मरवाही का कमियां हूं। जोगी की योजनाएं मरवाही क्षेत्र में उनका प्रतीक चिन्ह है अत: जन भावनाओं का भी सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री से कहकर इस प्रस्ताव को रोकें। ज्ञापन में इस पर निर्णय न होने पर आगामी दिनों में चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।
 
उपरोक्त ज्ञापन और विरोध में ज्ञापन सौंपने वालों में जिला पंचायत सदस्य पुष्पेश्वरी अर्जुन सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य बूंदकुंवर सिंह  सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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