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अंकित अरोरा और पत्नी को उनके पदों से हटाया गया
छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 28 नवंबर । स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप में कुलसचिव डॉक्टर अंकित अरोरा और उनकी पीएचडी प्रभारी पत्नी दीप्ति वर्मा को भी हटा दिया गया है। अंकित अरोरा को मूल पद स्थापना शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अंबिकापुर वापस भेज दिया है। इसी तरह उनकी पत्नी दीप्ति वर्मा को सीएसवीटीयू यूटीडी के कंप्यूटर साइंस विभाग में फैकल्टी के रूप में भेज दिया गया है।
नए प्रभारी कुलसचिव की यूटीडी के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित सिंह राजपूत नियुक्त किए गए हैं। वहीं स्थापना विभाग के डॉ. आर.एस. ठाकुर को अतिरिक्त रूप से पीएचडी प्रकोष्ठ का प्रभार दिया गया है। कालेजों की मान्यता मामले की जांच में यह भी सामने आया कि दिप्ती वर्मा ने संबद्धता शाखा में रहते हुए कथित तौर पर नियमों की अनदेखी की और संसाधनों की कमी वाले कॉलेजों को संबद्धता दी। छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने इस मामले में दिप्ती वर्मा सहित पूर्व कुलपति डॉ. एमके वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. डी.एन. सिरसांत और जी.आर. साहू पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। आरोपों में यह भी शामिल है कि तत्कालीन कुलसचिव डॉ. के. के. वर्मा ने अपनी बेटी दिप्ती वर्मा और दामाद डॉ. अंकित अरोरा को शासन की अनुमति के बिना ही अटैचमेंट पर सीएसवीटीयू में पदस्थ किया। फिलहाल यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है, जहां से अंतरिम स्टे मिला हुआ है।
इससे पहले पिछले वर्ष ही अनुशंसा की गई थी कि अंबिकापुर से अटैचमेंट पर आए डॉ. अंकित अरोरा और दिप्ती वर्मा को वापस भेजा जाए। शासन ने 21 मार्च 2024 को रिलीविंग आदेश भी भेजा, लेकिन दोनों अधिकारी लगभग दो वर्ष तक पद पर बने रहे। अंततः कल इन्हें हटा दिया गया।
सीएसवीटीयू के कुलपति डॉक्टर अरुण अरोरा ने मीडिया को बताया कि शासन के निर्देश पर प्रभारी कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा को कार्यमुक्त कर दिया गया है और दिप्ती वर्मा को उनके मूल पद पर भेज दिया गया है। नए प्रभारी कुलसचिव के रूप में यूटीडी के सहायक प्राध्यापक को नियुक्त किया गया है।


