ताजा खबर
छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 28 नवंबर । गत 4 नवंबर को गतौरा और लालखदान के बीच हुए भीषण रेल हादसे की जांच अब अंतिम चरण पर बताई जा रही है। कोरबा–बिलासपुर मेमू लोकल ट्रेन जब खड़ी मालगाड़ी से टकराई थी, तब उसका इंजन मालगाड़ी के गार्ड केबिन के ऊपर चढ़ गया था। इस दर्दनाक दुर्घटना में 12 यात्रियों की जान गई थी और 25 लोग घायल हुए थे। हादसे के वक्त मेमू ट्रेन की रफ्तार करीब 76 किमी प्रति घंटे बताई गई थी, जिसे प्रारंभिक जांच में तेज माना गया।
लोको पायलट विद्यासागर की मौके पर ही मौत हो जाने के कारण घटना की कड़ी जोड़ने में असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) रश्मि राज का बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रश्मि राज भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई थीं और लंबे समय से उपचार ले रही हैं। गुरुवार को रेल सेफ्टी कमिश्नर बी.के. मिश्रा फिर बिलासपुर पहुंचे और रेलवे अस्पताल में उनका बयान दर्ज किया।
सुबह 10 बजे शुरू हुई पूछताछ दोपहर 12 बजे तक चली। सीआरएस मिश्रा ने दुर्घटना वाले दिन की पूरी घटनाक्रम से लेकर ट्रेन की स्थिति, गति, सिग्नलिंग और चालक दल के बीच संचार से जुड़े कई बिंदुओं पर जानकारी ली। रश्मि राज इलाज के दौरान पहले अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं, बाद में उन्हें रेलवे अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां अभी भी उनका उपचार जारी है।
सूत्रों के अनुसार, सीआरएस ने बयान में बेहद बारीकी से हर पहलू पर सवाल पूछे। हालांकि एएलपी ने क्या बताया, यह जानकारी अभी बाहर नहीं आई है। सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि सीआरएस मिश्रा ने अस्पताल में एएलपी का बयान लेने के बाद मंडल कार्यालय में अन्य कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की है। इससे पहले भी सीआरएस कई बार बिलासपुर आकर कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुके हैं।
पूछताछ पूरी करने के बाद मिश्रा कोलकाता के लिए रवाना हो गए।


