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पर्यटन मंत्री ने भी किया निरीक्षण
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर/अंबिकापुर, 5 सितंबर। सरगुजा में केते एक्सटेंशन खदान में खनन के चलते अंबिकापुर के ऐतिहासिक महत्व के रामगढ़ पहाड़ पर खतरे की आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बाद गुरुवार को भाजपा की अध्ययन समिति ने पहाड़ का निरीक्षण किया। इस मौके पर स्थानीय विधायक, और पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल भी थे।
समिति में पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व मंत्री रेणुका सिंह, और प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी सदस्य हैं। समिति ने पहाड़ का निरीक्षण किया। इस दौरान भाजपा के जिले के पदाधिकारी भी थे।
दूसरी तरफ, कांग्रेस इस पूरे मामले पर सरकार को घेर रही है।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव इस मामले पर सीएम विष्णु देव साय को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के हसदेव अरण्य और रामगढ़ पर्वत की रक्षा करने का एतेहासिक फैसला लिया था । इसको पलट कर दोबारा भौतिक निरीक्षण करा के छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने फिर दिखा दिया कि उनके लिए कॉरपोरेट स्वार्थ और पूंजीपतियों का हित, प्रकृति, आदिवासी जीवन, और सरगुजा एवं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से कहीं ऊपर है।
उनका कहना है कि कांग्रेस के समय में सर्वे के दौरान पाया गया था कि रामगढ़, केते एक्सटेंशन खदान से 10 किमी के घेरे के भीतर आता है, जो कि इसे खतरे में डाल सकता है - इसी कारण से उस समय NOC उपलब्ध नहीं कराया गया था।
अब भाजपा सरकार ने नया सर्वे कर इसे 11 किमी की दूरी पर बता कर स्वीकृति देने की तैयारी में है। बहरहाल, अध्ययन समिति दो-तीन दिनों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।