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नक्सलवाद ने बस्तर के विकास को जकड़ रखा था-साय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 सितम्बर। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में करीब साढ़े 9 सौ करोड़ से अधिक निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इससे करीब 21 सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कहा कि माओवाद बस्तर के विकास की राह में कांटे की तरह चुभ रहा था और नक्सलवादी आतंक ने बस्तर के विकास को जकड़ कर रखा था। हमने संकल्प लिया कि बस्तर को मुख्यधारा में लाएँगे और इसे विकसित छत्तीसगढ़ की केंद्रीय धुरी बनाएंगे। हमारे बहादुर जवानों और बस्तरवासियों ने साहस और दृढ़ संकल्प से माओवाद का मुकाबला किया और आज बस्तर माओवाद के काले इतिहास को मिटाकर निवेश का स्वर्णिम अध्याय लिखने की राह पर आगे बढ़ रहा है। मार्च 2026 तक माओवाद की बची-खुची निशानियाँ भी समाप्त हो जाएंगी और नक्सलमुक्त बस्तर और भी तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की बुनियाद तेजी से विकसित होते उद्योगों के आधार पर रखी जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए नई औद्योगिक नीति में राज्य में निवेश के लिए अनुदान प्रावधान और प्रोत्साहन रखे गए हैं तथा इज ऑफ डूइंग बिजऩेस और स्पीड आफ डूइंग बिजऩेस के संकल्प के अनुरूप साढ़े तीन सौ से अधिक रिफार्म किए गए हैं। हमने जापान और दक्षिण कोरिया के अलावा मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु तथा नवा रायपुर में भी इंवेस्टमेंट समिट किए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब बस्तर में औद्योगिक अधोसंरचना की स्थिति पर बात करें तो सभी जिलों और विकासखंडों में नये लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जा रही है। जगदलपुर के ग्राम फ्रेजरपुर और गीदम रोड में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। नगरनार के निकट नियानार में 118 एकड़ क्षेत्र में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है। कांकेर के ग्राम लखनपुरी, दंतेवाड़ा के टेकनार और नारायणपुर में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। हमारी सरकार द्वारा सुकमा के साथ ग्राम पाकेला, फंदीगुड़ा, कोंडागांव के ग्राम अडक़ा-छेपड़ा और बीजापुर के ग्राम कोडोली में भी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जा रही है।