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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 सितंबर। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और नक्सल उन्मूलन अभियान के चलते आज नारायणपुर में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। ये नक्सली मुख्य रूप से जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया कमांडर, न्याय शाखा अध्यक्ष जैसे पदों पर थे। उन्होंने नक्सली सैफ हाउस लंका और डूंगा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से बाहर आकर समाज की मुख्य धारा में जुडऩे की शपथ ली।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इंट्रोगेशन में खुलासा हुआ कि माओवादी लीडर्स आदिवासियों को भ्रामक वादों से गुलाम बनाकर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए शोषित कर रहे हैं।
एसपी नारायणपुर रॉबिन्सन गुरिया ने कहा कि- अबूझमाड़ दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थतियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकालना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्म समर्पण पुर्नवास नीति को अपनाकर समाज की मुख्यधारा से जुडक़र हथियार एवं नक्सलवाद विचारधारा का पूर्णत: त्याग एवं विरोध करें। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।
पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि- वर्ष 2025 में माआवेादी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को सुरक्षा बलों के द्वारा भारी क्षति पहुंचाई गई है। प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादियों संगठन के पास अब हिंसा छोडक़र आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। अत: माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोडक़र समाज की मुख्य धारा में जुड़ें।
इस साल अब तक कुल 164 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो क्षेत्र में शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।